ग्वालियर। कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों को मौत से बचाने के लिए लगाए जाने वाले प्लाज्मा की तस्करी का खुलासा हुआ है। एक बहुत बड़ा रैकेट जिसकी जद में कई प्राइवेट अस्पताल आते हैं, सक्रिय है एवं लोगों को जयारोग्य चिकित्सालय की सरकारी रसीद पर नकली प्लाज्मा दिया जा रहा है। इसी के चलते एक कारोबारी मनोज कुमार गुप्ता की मौत हो गई। पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में ले लिया है लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। यह सभी पांचों लोग ग्राहकों को ढूंढने और नकली प्लाज्मा सप्लाई करके पैसा लेने का काम करते हैं। सरगना का नाम अभी भी सामने नहीं आया है।
दतिया के कारोबारी मनोज गुप्ता ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में भर्ती हुए थे
पेशे से इलेक्ट्रोनिक्स कारोबारी मनोज कुमार गुप्ता निवासी खंचाजी मोहल्ला दतिया को 3 दिसंबर को कोरोना पाजिटिव होने के कारण अपोलो अस्तपाल में भर्ती कराया गया था। 8 दिसंबर को अस्पताल प्रबंधन ने प्लाज्मा इंतजाम करने को कहा।
ग्वालियर में प्लाज्मा की तस्करी का रैकेट
स्वजनों ने पूछा तो बताया कि अस्पताल के ही कर्मचारी जगदीश भदकारिया से बात कर लें। जगदीश ने मरीज के स्वजनों को वेदांश अस्पताल के कर्मचारी महेश मौर्य से मिलवाया। महेश ने मरीज के परिजनों को अस्पताल रोड़ पर बुलवा कर उन्हें किसी त्यागी नाम के व्यक्ति से मिलवाया। त्यागी के बारे में बताया कि वह जेएएच ब्लड बैंक का कर्मचारी है और वह प्लाज्मा की व्यवस्था करा देगा। त्यागी ने 18000 स्र्पये में प्लाज्मा देने का सौदा किया साथ ही 2 घंटे बाद आने के लिए कहा। इसके बाद परिजनों से ₹18000 लेकर प्लाज्मा और JAH की रसीद दी गई।
अपोलो हॉस्पिटल में बिना जांच के प्लाज्मा चढ़ाया गया
8 दिसंबर को अपोलो हॉस्पिटल में व्यापारी मनोज कुमार गुप्ता को प्लाज्मा चढ़ाना शुरू ही किया कि मनोज को रिएक्शन होने लगा और तबीयत बिगड़ गई। 9 दिसंबर को परिजनों ने बचा प्लाज्मा व पर्ची लेकर जेएएच संपर्क किया तो पता चला न प्लाज्मा वहां का था न ही पर्ची। सब फर्जी निकला। गुरुवार सुबह अपोलो अस्पताल के डाक्टर राजौरिया व डा. उज्जवल शर्मा ने बताया कि मरीज की मौत हो गई।
खुद प्लाज्मा मांगने पहुंची पुलिस, पकड़े संदेही
स्वजन की शिकायत के बाद पुलिस खुद सादा कपड़ों में प्लाज्मा की मांग करने अस्पताल पहुंची तो वहां उपलब्ध कराने के लिए स्टाफ तैयार था। बस, तत्काल पुलिस ने दो लोगों को मौके से पकड़ लिया और शाम तक तीन और संदेही पकड़ लिए गए। वहीं, जेएएच ब्लड बैंक के सहायक प्राध्यापक अरुण जैन ने बताया कि उनके यहां कोई त्यागी नहीं है, जेएएच की पर्ची की कॉपी कर यह फर्जीवाड़ा किया गया है।
6 दिन में ₹500000 खर्च, डॉ अजय कुमार त्यागी का नाम आया
मनोज गुप्ता के साले अखिलेश गुप्ता ने बताया कि यह पूरा दलालों का रैकेट है जो ग्वालियर के सभी निजी अस्पतालों में चल रहा है। हमारे जीजा तो चले गए लेकिन किसी और का मरीज इन दलालों का शिकार न बने। आठ दिसंबर को वीडियो काल जीजाजी को लगाया तो वे कंबल ओढ़े दिखे, तब हमें प्लाज्मा रिएक्शन की बात पता चली। अस्पताल में मनोज के इलाज में पांच लाख खर्च हो गए। त्यागी का पूरा नाम देररात स्वजन ने डा. अजय कुमार त्यागी बताया।
गठित जांच कमेटी ने जब्त किया प्लाज्मा
इस मामले में शाम को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सीएमएचओ डा. मनीष शर्मा के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया जिसने पड़ाव थाने जाकर वह प्लाज्मा और पर्ची जब्त की। वहीं अस्पताल में भी पड़ताल शुरू की। मनोज के शव का पोस्टमार्टम पैनल में कराया जाएगा, जिसमें एफएसएल टीम भी शामिल रहेगी।
जांच रिपोर्ट आते ही कार्रवाई
इस मामले में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कार्रवाई करेगी। सभी बिंदुओं पर पुलिस भी अपने स्तर पर पड़ताल कर रही है।
अमित सांघी,एसपी
सारी गलती परिजनों की है, हमने कुछ नहीं किया: डा. पुरेंद्र भसीन, डायरेक्टर, अपोलो अस्पताल
मरीज की तबीयत खराब थी, हमने प्लाज्मा मांगा था। साथ ही जहां पर प्लाज्मा मिलता है उस जगह के नाम भी बताए थे। जगदीश भदकारिया हमारे यहां चौकीदार है जिसे सिक्योरिटी एजेंसी भेजती है। मरीज के परिजन गलत प्लाज्मा ले आए इसमें हमारी क्या गलती है। साथ ही उन्होंने प्लाज्मा की पर्ची पर मरीज का नाम भी मनोज गुप्ता की जगह मनोज सांवला लिखवाया है।
डा. पुरेंद्र भसीन, डायरेक्टर, अपोलो अस्पताल
रैकेट का भंडाफोड़ करेंगे
प्लाज्मा के नाम पर दलाली करने के इस मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया है। निजी अस्पतालों में खून,प्लाज्मा व इलाज के नाम पर रैकेट सक्रिय होना पता चला है। इस रैकेट का भंडाफोड़ किया जाएगा। किशोर कान्याल, एडीएम