GWALIOR के काले कुबेर के रिश्तेदारों की प्रॉपर्टी खंगाल रही है EOW - MP NEWS

Bhopal Samachar
ग्वालियर
। बिल्डर से ₹500000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए नगर निगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा के घर से EOW को एक तोला सोना भी नहीं मिला। इसके बाद जांच अधिकारियों के कान खड़े हो गए। उन्हें पूरा भरोसा है कि प्रदीप वर्मा ने अपना स्वर्ण भंडार कहीं छुपा दिया है। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि प्रदीप वर्मा ने अपने रिश्तेदारों के नाम से बेनामी प्रॉपर्टी खरीदी है। इसलिए इन्वेस्टिगेशन टीम प्रदीप वर्मा के रिश्तेदारों की प्रॉपर्टी की जानकारी जुटा रही है।

बिल्डर का डुप्लेक्स गिराने की धमकी देकर रिश्वत मांगी थी

शनिवार को नगर निगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को ईओडब्ल्यू ने पहली बार कार्रवाई करते हुए बिल्डर धर्मेंद्र भारद्वाज से कार में पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। आरोपित थाटीपुर पानी की टंकी के पास बने हुए व अर्ध निर्मित डुप्लेक्स पर थ्री-डी लगाकर 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत के एवज में प्रदीप वर्मा 19 हजार स्क्वायर फीट भूमि पर निर्माण कार्य करने पर मदद करने का भरोसा बिल्डर को दे रहा था।

स्वच्छता, तलघर और अवैध कालोनियों से जुड़ी सरकारी फाइलें मिली

ईओडब्ल्यू ने निलंबित सिटी प्लानर के घर से बरामद फाइलों को पलटना शुरू कर दिया है। एसपी (ईओडब्ल्यू) अमित सिंह ने बताया कि अभी फाइलें स्वच्छता अभियान, अवैध तलघरों व अवैध कालोनियों से जुड़ी हैं। इसके अलावा सिटी प्लानर के खिलाफ चल रहीं जांचों से जुड़े दस्तावेज हैं। अभी फाइलों को खंगाला जा रहा है। ईओडब्ल्यू नगर निगम से चोरी गईं फाइलों को इन जब्त फाइलों में तलाश कर रही है।

प्रदीप वर्मा के बंगले में एक-एक चीज लग्जरी, भगवान के मंदिर में ऐसी लगाया है

प्रदीप वर्मा को रिश्वत लेते हुए पकड़ने के बाद ईओडब्ल्यू की एक टीम ने तत्काल इसके विनय नगर स्थित बंगले पर छापा मारा था। रिश्वतखोर के बंगले पर टीम को एशोआराम की हर चीज मिली थी। प्रदीप वर्मा ने रिश्वतखोरी के पैसों से घर में पूजा के लिए भव्य मंदिर बना रखा है। इस मंदिर में एसी लगा हुआ है। इसके अलावा कमरों में कीमती झूमर, बेश्कीमती फर्नीचर भी लगा हुआ है। फर्नीचर किस लकड़ी का बना हुआ है, इसकी जांच वन विभाग की टीम से कराकर उसकी कीमत का आकलन कराया जाएगा। प्रदीप वर्मा के बंगले की एक-एक कीमती चीज को सूचीबद्ध कर लिया है। अब मार्केट से इनकी कीमत पता की जा रही है। 

प्रदीप वर्मा के रिश्तेदार ईओडब्ल्यू के रडार पर

ईओडबल्यू को अनुमान है कि टाइम कीपर से नगर निगम में भर्ती हुए वेतन व अन्य भत्तों के रूप में शासन से 50 लाख रुपये के लगभग मिले होंगे, लेकिन संपत्ति इससे कई गुना अधिक की है। ईओडब्ल्यू नगर निगम से पता लगा रही है कि प्रदीप वर्मा किन-किन पदों पर रहे हैं और कितना-कितना वेतन मिला है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का मानना है कि आरोपित शातिर है। उसने अपने घर में अधिक पैसा और सोने-चांदी के गहने नहीं रखे हैं। ईओडब्ल्यू ने प्रदीप वर्मा के नजदीकी रिश्तेदारों की संपत्ति को रडार पर लिया है। टीम घर से जब्त बैंक पास बुक लेकर संबंधित बैंकों को पत्र लिखकर मंगलवार को जानकारी मांगेगी और लाकरों का भी पता लगाएगी। आयकर विभाग के रडार पर भी प्रदीप वर्मा आ गया है।

पड़ताल चल रही हैं-
दो-दिन अवकाश होने के कारण प्रदीप वर्मा से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए अन्य विभागों से संपर्क नहीं हुआ है। मंगलवार को यह काम किया जाएगा। इसके अलावा संपत्ति का आकलन भी किया जा रहा है।
अमित सिंह, एसपी(ईओडब्ल्यू)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!