ग्वालियर। नगर निगम के सिटी प्लान और प्रदीप वर्मा के खिलाफ चल रही EOW इन्वेस्टिगेशन को बीच में ही रोक कर अधिकारी वापस भोपाल की तरफ रवाना हो गए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों कहा था कि प्रदीप वर्मा के खिलाफ कार्रवाई उनके निर्देश के बाद हुई है।
प्रदीप वर्मा को EOW की टीम ने एक बिल्डर से ₹500000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रदीप वर्मा के घर में सर्वे किया गया। जांच के दौरान पहले ही दिन आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आ गया था। चौंकाने वाली बात यह थी कि प्रदीप वर्मा के घर टीम को लाखों रुपए की लग्जरी सामान मिले लेकिन 1 ग्राम गोल्ड तक नहीं मिला। EOW की टीम छुपाए गए स्वर्ण भंडार की तलाश करना चाहती थी। जांच के दौरान प्रदीप वर्मा के यहां से कुछ सरकारी फाइलें भी मिली थी। इन्वेस्टिगेशन में शामिल अधिकारियों का मानना था कि प्रदीप वर्मा ने अपने रिश्तेदारों के नाम से काफी प्रॉपर्टी जमा की है।
भोपाल में भ्रष्टाचार की सेटिंग करने गए थे प्रदीप वर्मा
क्योंकि दो दिन पहले घूसखोर प्रदीप वर्मा भी राहत के लिए समीकरण बिठाने के लिए निजी वाहन से भोपाल गया था। EOW के अधिकारियों का कहना है कि घूसखोर को ट्रेप करने की पूरी कार्रवाई डीजीपी लोकायुक्त राजीव टंडन की निगरानी में हुई है। इस मामले में सरकार भी गंभीर है। प्रकरण में कोई ढिलाई नहीं रह जाए इसलिए जांच के बिंदु तय करने के लिए जांच अधिकारियों को भोपाल तलब किया गया है।
अचानक जांच अधिकारी भोपाल बुलाए
निलंबित सिटी प्लानर के मामले की जांच से जुड़े अधिकारियों को रविवार की रात को भोपाल से आदेश मिला कि वापस लौटना है। एसपी (ईओडब्ल्यू) अमित सिंह सहित जांच अधिकारी सुबह ही भोपाल पहुंच गए। अधिकारी इस प्रकरण से जुड़ी व आरोपित के घर से मिली नगर निगम की फाइलें व उसके लैपटाप में निकली जानकारी साथ लेकर गए हैं।