ग्वालियर। उद्योग बंद होने के बाद 'महागांव' बनकर रह गए ग्वालियर शहर में एक बार फिर संभावनाएं नजर आ रही हैं। यूनेस्को ने ग्वालियर शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की लिस्ट में शामिल कर लिया है। इसका नतीजा यह होगा कि दुनिया भर से भारत आने वाले पर्यटकों के सामने ग्वालियर भी एक विकल्प होगा। यदि पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं और स्वागत-सत्कार मिला तो ग्वालियर की किस्मत बदल सकती है। पर्यटन उद्योग, ग्वालियर का प्रमुख उद्योग हो जाएगा। रेल और एयर कनेक्टिविटी होने के कारण यह काफी मुश्किल टास्क नहीं है। केवल ग्वालियर शहर के लोगों को अपना रवैया बदलना होगा और प्रशासन को पर्यटन की तरफ फोकस करना पड़ेगा।
ग्वालियर शहर के पर्यटक स्थलों में क्या बदलाव किया जाएगा
वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में आने के बाद ग्वालियर को पूरी तरह से व्यवस्थित किया जाएगा। मानसिंह पैलेस, गूजरी महल और सहस्त्रबाहु मंदिर के अलावा अन्य धरोहराें का कैमिकल ट्रीटमेंट किया जाएगा। जिससे दीवारों पर उकेरी गई कला स्पष्ट दिखेगी और उसकी चमक भी बढ़ेगी। धरोहर तक पहुंचने वाले मार्ग को सुगम किया जाएगा। विशेष गार्ड नियुक्त किए जाएंगे, जो सैलानियों के पहुंचते ही उनका भारतीय परंपरानुसार स्वागत करेंगे।
हर स्थल पर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। सुरक्षा, सावधानी और संबंधित धरोहर की खूबियों के बोर्ड लगाए जाएंगे। शहर में गंदगी का निशान नहीं मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल करने के लिए मप्र पर्यटन विभाग ने कई बार यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा। काफी कोशिशों के बाद इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिली। इससे शहर आने वाले सैलानियों की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार अपने ही शहर में मिलेगा।
ग्वालियर के प्रमुख एवं लोकप्रिय पर्यटक स्थल
यहां आने वाले देसी-विदेशी सैलानी सबसे पहले ग्वालियर किला पहुंचते हैं। क्योंकि यहां एक नहीं कई स्थल ऐसे हैं, जो अपनी खूबसूरती से कुछ देर ठहरने के लिए मजबूर करते हैं। इसके बाद जय विलास पैलेस पहुंचते हैं। इनके अलावा ग्वालियर में स्थित मोहम्मद गौस का मकबरा, गूजरी महल, सूर्य मंदिर, शहर से थोड़ी दूर स्थित मितावली-पढ़ावली के साथ लधेड़ी गेट प्रमुख हैं। अब गूजरी महल के पास स्थित कब्रिस्तान का भी रिनोवेशन किया जाएगा।