ग्वालियर। सन 2019 में जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित की गई नर्सिंग फाइनल ईयर की परीक्षा में फेल हुए कई उम्मीदवारों को बाद में पास कर दिया गया। घोटाले का खुलासा होने पर जांच कराई गई परंतु जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट जांच रिपोर्ट को छुपाने की पूरी कोशिश कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले में यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के अलावा ग्वालियर के कई प्रतिष्ठित नेता भी शामिल है।
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने लिखित में रिपाेर्ट साैंपने के लिए सात दिन की माेहलत मांगी थी। यह समय भी निकल चुका है, लेकिन राज्यपाल काेटे के ईसी मेंबराें काे अब तक जांच रिपाेर्ट नहीं दी गई है। ऐसे में नाराज ईसी मेंबर अब पांच दिसंबर काे हाेने वाली कार्यपरिषद की बैठक में इस मुद्दे काे उठाने का विचार कर रहे हैं। दरअसल ईसी मेंबराें की सक्रियता के कारण ही इस मामले का खुलासा हुआ था। गाैरतलब है कि इस मामले की जांच में कई लाेगाें के नाम सामने आने की आशंका है। ईसी मेंबराें का मानना है कि इसी कारण से इस जांच रिपाेर्ट काे अब तक आेपन नहीं किया गया है। बार-बार मांगने के बाद भी रिपाेर्ट देने में आनाकानी की जा रही है।
शिक्षक भर्ती कांड की भी जारी है जांचः
जीवाजी विश्वविद्यालय में शिक्षकाें की नियुक्ति के मामले में भी जांच चल रही है। हाई काेर्ट की कड़ी फटकार के बाद अब जाकर इस प्रकरण में जांच में तेजी आई है। दरअसल विश्वविद्यालय में कुछ शिक्षकाें की नियुक्ति नियम विरुद्ध तरीके से की गई थी। जांच एजेंसी दस्तावेज नहीं मिलने के कारण जांच नहीं कर पा रही थी। हालांकि हाई काेर्ट के आदेश के बाद अब जांच जल्द पूरी हाेने की संभावना दिखाई देने लगी है।