ग्वालियर। जय विलास पैलेस के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया आज ग्वालियर शहर में है। उनसे मिलने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है। इसी भीड़ में एक प्रतिनिधिमंडल अतिथि शिक्षकों का भी था। अतिथि शिक्षक हाथ में मांग पत्र लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास तक पहुंच गए लेकिन अतिथि शिक्षकों की लड़ाई सड़क पर उतर कर लड़ने का ऐलान करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनसे बात तक नहीं की। सिर्फ मांग पत्र लिया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिर्फ मांग पत्र लिया, बात नहीं की
अतिथि शिक्षकों ने कहा, ' ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने कांग्रेस में रहते हुए कहा था कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो वह सड़क पर उतरकर संघर्ष के लिए मजबूर हो जाएंगे। वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन अतिथि शिक्षकों की मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई है। हम अभी भी सड़क पर ही हैं।'' अतिथि शिक्षकों के डेलिगेशन ने कहा कि हमने अपना मांग पत्र तो ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को सौंप दिया, लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो सकी।
क्या हैं अतिथि शिक्षकों की मांगें, क्यों दे रहे धरना
दरअसल अतिथि शिक्षक और अतिथि विद्वान, मध्य प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में संविदा पर पढ़ाने वाले अध्यापक हैं। ये खुद को नियमित करने की मांग को लेकर काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में अतिथि शिक्षकों और अतिथि विद्वानों को नियमित करने का वादा किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी को आधार बनाकर सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़ा। शिवराज सरकार बने 9 महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन हजारों अतिथि शिक्षक और विद्वान अपने नियमितिकरण का अभी तक इंतजार कर रहे हैं।