ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के यूथ ब्रांड एवं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की शान में गुस्ताखी करने वाले पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर श्री ओम हरि शर्मा को पद से हटाकर भोपाल अटैच कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ शासनकाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर कलेक्टर के पद पर एक के बाद एक कई अधिकारियों को बदल दिया था।
एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने क्या गुनाह किया था
लोक निर्माण विभाग, मध्य प्रदेश के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ओम हरि शर्मा ने डबरा से चुनाव हारने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे चुके श्रीमती इमरती देवी को ग्वालियर के झांसी रोड स्थित सरकारी बंगला क्रमांक 44A खाली करने का नोटिस दे दिया था। उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए इमरती देवी उनकी प्रतिष्ठा का प्रश्न है। चुनाव हारने के बाद मीडिया के दबाव में आकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐसा दबाव बनाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया।
कैबिनेट मंत्री नहीं तो क्या कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिलवाएंगे
बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्रीमती इमरती देवी को किसी भी स्थिति में सत्ता में बनाए रखना चाहते हैं। पूरी ताकत लगा देने के बाद भी जब ज्योतिरादित्य सिंधिया, इमरती देवी को डबरा सीट से चुनाव नहीं जीता पाए तो निगम-मंडल में चेयरमैन बनवाने के लिए हट गए हैं। कुल मिलाकर जब तक इमरती देवी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं मिल जाता तब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं होने देंगे। लेकिन इस खेल की लास्ट डेट 31 दिसंबर 2020 है।