इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित शनि मंदिर वाली गली में हुए हादसे में 7 साल की मासूम झुलस गई। दरअसल, घर में आरती कर रही 40 वर्षीय मीना वर्मा के हाथ से जलता हुआ कपूर फर्श पर गिर गया। पास रखी मिट्टी के तेल की कैन आग न पकड़ ले इसलिए उनके पति और बच्ची के नाना राजू फकीरचंद वर्मा (45) ने कैन को पैर से धकेला इससे तेल छलक कर पास खड़ी उनकी नातिन रिद्दिका पर गिर गया। उसके कपड़ों ने आग पकड़ ली।
बच्ची 95 फीसदी झुलस चुकी है। घटना के वक्त घर में मौजूद पड़ोसी सीताराम के 11 वर्षीय बेटे कार्तिक ने शोर मचाकर लोगों को बुलाया। कार्तिक के पैर भी झुलसे हैं। पुलिस से बातचीत में कार्तिक ने यही कहानी बताई, जबकि नाना-नानी ने कुछ और ही बयान दिए हैं। वर्मा दंपती के मुताबिक सैनिटाइजर जो बच्ची के नाना के हाथों में लगा था, उसने तब आग पकड़ ली जब वो चूल्हे से पराठा उठाने गए। आग उनकी पत्नी की साड़ी ने भी पकड़ ली। नानी को बचाने में रिद्दिका आग की चपेट में आ गई। रावजी बाजार टीआई सविता चौधरी के मुताबिक रिद्दिका को माता पिता दो दिन पहले ही इंदौर छोड़ गए थे। बच्ची की हालत नाजुक है।
मीना के भाई गौतम लश्करी का कहना है कि हादसा सैनिटाइजर से हुआ था। गौतम ने बताया कि घटना के वक्त घर में भोजन बन रहा था। नाना राजू वर्मा उसी वक्त घर में दाखिल हुए। हाथ सैनिटाइज किए और रिद्दिका ने पराठा मांगा। तवे से पराठा उठाने गए तो हाथों में लगे सैनिटाइजर ने आग पकड़ ली। पुलिस ने परिजन और जलने वालों से बात नहीं की इसलिए वे कार्तिक की बात सही मान रहे हैं। हालांकि पुलिस को घर से केरोसिन की कैन और कुछ अन्य तथ्य मिले हैं, जो कार्तिक के बयान की पुष्टि करते हैं। पुलिस मंगलवार को घायलों के बयान लेगी।