इंदौर। शहर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में दो कारों में सवार करीब 8 लड़कों ने शिव वाटिका निपानिया क्षेत्र में खुलेआम गुंडागर्दी की। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवक के साथ मारपीट की और जब पब्लिक ने एक बदमाश को पकड़कर पुलिस के हवाले किया तो पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय उसे छोड़ दिया। बताया गया है कि 2 में से एक कार पर न्यायधीश लिखा हुआ था। पीड़ित युवक लसूड़िया थाने में पदस्थ आरक्षक का छोटा भाई है।
आधी रात को फिल्मी स्टाइल में कार लहरा रहे थे
घटना शुक्रवार रात करीब 12.30 बजे शिवा वाटिका (निपानिया) की बताई गई है। लसूड़िया थाने में पदस्थ सिपाही प्रदीप सिंह तोमर का भाई कुलदीप सिंह तोमर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। देर रात वह मोबाइल पर बात करते हुए कॉलोनी में टहल रहा था। तभी तेज रफ्तार में दो कारें आईं और कुलदीप को कट मारते हुए निकल गई। उसने आवाज लगाई देख कर कार चलाने के लिए कहा। कार से सात-आठ युवक उतरे और कुलदीप को धमकाते हुए उसे खींचकर एक तरफ ली गई एवं ईंट से हमला कर दिया। बताया गया कि हमलावरों में से एक युवक ने पिस्टल की बट से हमला किया।
पुलिस ने घायल युवक का बयान तक नहीं लिया
शोर शराबा सुनकर कॉलोनी के दूसरे लोग भी बाहर आ गए। पुलिस आरक्षक प्रदीप सिंह तोमर ने पब्लिक की मदद से एक हमलावर को पकड़ लिया। उसे थाने के सुपुर्द करने के बाद सभी लोग घायल कुलदीप सिंह तोमर का इलाज कराने अस्पताल चले गए। अस्पताल से थाने पर सूचना भेजी लेकिन कोई बयान लेने नहीं आया। एएसआइ अनिल सिलावट और प्रधान आरक्षक नाथूराम ने कहा कि दो तीन घटनाएं आ गई हैं। रात्रि ड्यूटी वाले अभी व्यस्त है। तड़के चार बजे प्रदीप थाने पहुंचा तो नाथूराम कुर्सी पर पैर रखकर सोते हुए मिला।
पुलिस अधिकारियों ने कहा राजीनामा कर लो नहीं तो तुम्हारे खिलाफ भी FIR होगी
कॉलोनी वालों के पास उस कार्य का नंबर भी है जिस पर न्यायाधीश लिखा हुआ था। सुबह पता चला कि पुलिस ने पब्लिक द्वारा पकड़े गए बदमाश को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर मामला वायरल हो गया। मामला चर्चा में आ जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने पुलिस आरक्षक प्रदीप सिंह तोमर और उसके भाई को बुलाया एवं समझौता करने के लिए कहा। इसके साथ यह भी बताएं कि यदि वह हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराते हैं तो उनके खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया जाएगा।