भोपाल। बुधवार रात को आई ब्रेकिंग न्यूज़ के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति का पहिया बहुत तेजी से घूमने लगा है। मौसम ठंडा है लेकिन राजनीति गर्म हो चुकी है। कमलनाथ के नजदीकी आईपीएस अधिकारियों के मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा आमने सामने आ गए हैं। शिवराज सिंह अफसरों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि नरोत्तम मिश्रा कार्यवाही करने का दावा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा: कोई आदेश नहीं आया है
मध्य प्रदेश के तीन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ चुनाव आयोग द्वारा FIR के आदेश की खबर के बाद मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई आदेश नहीं है। जब आदेश आएगा तब कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार उन्होंने खबर का खंडन करने की कोशिश की एवं यह मैसेज क्लियर कर दिया कि फिलहाल कोई मामला दर्ज नहीं होने वाला।
गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा: रिपोर्ट आ गई है, कार्रवाई जरूर होगी
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर खुलकर हमला करते हुए कहा कि 'मैं पहले से कहता रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार मप्र के इतिहास की भ्रष्टतम सरकार रही है। आयकर छापों की अप्रेजल रिपोर्ट से यह हकीकत साबित होती है। रिपोर्ट के आधार पर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
मामला क्या है
सन 2019 में कमलनाथ के सलाहकार रहे राजेंद्र मिगलानी, रिश्तेदार रतुल पुरी की कंपनी मोजर बियर के लोगों, ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़, इंदौर के हवाला कारोबारी ललित कुमार छजलानी, कांट्रेक्टर अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी व हिमांशु शर्मा के यहां आयकर विभाग ने छापा मार कार्रवाई की थी। इस दौरान बड़ी मात्रा में लेन-देन के दस्तावेज, 93 करोड़ के ट्रांजेक्शन और चार करोड़ रुपए की बरामदगी हुई थी। जांच के दौरान आयकर विभाग की ओर से बताया गया कि हवाला के जरिए धन का परिवहन हुआ था। ताजा जानकारी मिली है कि इस मामले में सीनियर आईपीएस अफसर सुशोभन बैनर्जी, संजय माने, बी. मधुकुमार व राज्य पुलिस सेवा के अरुण मिश्रा को जिम्मेदार माना गया है। कथित रिपोर्ट में यह भी लिखा हुआ है कि पुलिस की गाड़ियों में अवैध धन का परिवहन किया गया था। उपरोक्त चारों अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।