जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में मां का कातिल उसी का बेटा निकला। वह उसकी खूब देखरेख करता था, इससे वह काम धंधे पर ध्यान नहीं दे पाता था। साथ ही, मां-पत्नी की किचकिच से तंग आ गया था। 9 दिसंबर को जब आरोपी बेटा राजेंद्र उर्फ गुड्डा घर से दुकान जा रहा था, तब मां मोंगाबाई (75) ने टोकते हुए कहा कि तुम तो जा रहे हो। तुम्हारे जाने के बाद बहू मेरा ध्यान नहीं रखती है। खाना-पानी कुछ नहीं देती। इससे गुस्साए बेटे ने बाइडिंग की पत्ती से मां की गला रेतकर हत्या कर दी। पत्नी बीच-बचाव में आई तो उसका भी गला रेता, जो गंभीर घायल हो गई। बाद में दुखी बेटे ने खुद का भी गला रेत लिया। वह भी अस्पताल में भर्ती है।
पुलिस ने बताया आरोपी घायल ने अस्पताल लाए जाने के दौरान एम्बुलैंस 108 में ग्राम कोटवार को यह जानकारी दी कि उसने गलती कर दी है। इससे पहले 10 साल का बेटे भी पुलिस को बता चुका है कि मम्मी-पापा तेज आवाज में लड़ रहे थे। वह पड़ोस में खेल रहा था जब वहां पहुंचा तो मम्मी का गला कटा और वह बाहर आ गईं। इस आधार पर पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी ने ही अपनी मां का कत्ल किया और पत्नी का भी गला रेता। फिर खुद को भी घायल कर लिया।
पाटन टीआई आसिफ इकबाल ने बताया कि मोंगाबाई बुजुर्ग थीं और कई महीनों से बीमार थीं। यहां तक कि बिस्तर पर ही नित्यकर्म कर देती थीं। बेटा राजेंद्र मोटर बाइंडिंग की दुकान चलाता था। घर में पत्नी रेखा उर्फ अर्चना (32) और दो बेटे भी हैं। मोंगाबाई की देखभाल की जिम्मेदारी राजेंद्र पर ही थी। वही मां की साफ-सफाई करता था। कई बार बिस्तर पर शौच होने पर उसे दुकान से सफाई करने आना पड़ता था। पत्नी का सहयोग नहीं मिलता था। इसे लेकर घर में आए दिन कलह होती थी।
मोंगाबाई भी बेटे की परेशानी समझती थी। यही कारण था कि वह बहू पर अक्सर झुंझलाती रहती थी। नौ दिसंबर की सुबह 9.30 बजे पहले सास-बहू में विवाद हुआ। राजेंद्र तैयार होकर दुकान पर निकल रहा था, तभी मां ने कहा कि तुम तो जा रहे हो, बहू मुझे खाना तक नहीं देती। यहां तक कि पानी भी नहीं देती। मां-पत्नी के बीच हुए विवाद और फिर इस उलाहना के बाद वह गुस्से में आ गया। उसने बाइडिंग करने वाले धारदार लोहे के टुकड़े से मां के गले पर वार कर दिया। मोंगाबाई की चीख सुनकर बर्तन धाे रही उसकी पत्नी रेखा पहुंची। उसने राजेंद्र से हथियार छुड़ाने की कोशिश की, तो उसके भी गले पर वार कर दिया। इसके बाद खुद का भी गला रेत लिया।
टीआई इकबाल के मुताबिक मौके पर टीम पहुंची तो दो स्थानों पर खून मिला। एक मोंगाबाई के शव के पास और दूसरा अंदर कमरे के फर्श पर। बिस्तर पर संघर्ष के निशान थे। वहीं मंगलसूत्र, कान का बाला टूट कर गिरा मिला था। मोंगाबाई की हालत ऐसी थी नहीं तो पति-पत्नी पर ही संदेह गया। पीएम रिपोर्ट से भी स्पष्ट हो गया था कि गले पर किया गया वार खुद के हाथों का नहीं है।
वारदात के समय दोनों बच्चे बाहर खेल रहे थे। पहले रेखा घर से चीखते हुए निकली थी। वह पति को बेगुनाह बता रही थी। इसके बाद राजेंद्र निकला था। उसका भी गला कटा हुआ था। पड़ोसी दस्सी अंदर गया तो देखा कि मोंगाबाई का भी गला कटा है और उसकी मौत हो चुकी थी। राजेंद्र और उसकी पत्नी रेखा को एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया था। तब रास्ते में राजेंद्र ने गांव कोटवार करन को इसके बारे में बताया था। मां व पत्नी का गला काटने के बाद उसने अपना गला काटा था। पुलिस ने राजेंद्र के खिलाफ मां की हत्या पर धारा 302, और पत्नी पर जानलेवा वार करने के प्रकरण में 307 भादवि का मामला दर्ज किया।
राजेंद्र और उसकी पत्नी रेखा का इलाज अभी भी मेडिकल अस्पताल में चल रहा है। पत्नी रेखा ने पति को बचाने के लिए झूठ बोला। उसने इल्जाम खुद पर लेने की भी कोशिश की। टीआई आसिफ इकबाल के मुताबिक चिकित्सकों ने पत्नी रेखा की हालत खतरे से बाहर बताई है, लेकिन राजेंद्र की हालत नाजुक है। उपचार दौरान ठीक होने पर बयान लिए जाएंगे, तब गिरफ्तारी होगी।