JABALPUR असिस्टेंट कमिश्नर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका, शराब माफिया से मिलीभगत का आरोप - MP NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर
। मध्य प्रदेश के सरकारी खजाना खाली है। सीएम शिवराज सिंह चौहान 200000 करोड रुपए से ज्यादा का लोन ले चुके हैं। जनता पर मनमाने टैक्स होते जा रहे हैं और सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले अधिकारियों के खिलाफ विधिवत जांच तक नहीं कराई जा रही। कुछ इसी तरह के आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री हरेंद्र जीत सिंह बब्बू ने हाईकोर्ट में आबकारी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर सत्यनारायण दुबे के खिलाफ याचिका दाखिल की है। दावा किया है कि श्री दुबे के कारण सरकार को 100 करोड रुपए का नुकसान हुआ। शिकायतों के बावजूद जांच नहीं कराई गई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई आठ दिसंबर को निर्धारित कर दी है। मंगलवार को प्रारंभिक रूप से याचिका पर गौर किया गया।

असिस्टेंट कमिश्नर शराब माफिया की मदद कर रहे हैं: आरोप

पूर्व मंत्री बब्बू की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि सहायक आबकारी आयुक्त दुबे ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन नहीं कर रहे हैं। वे अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग कर अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैं। अधिवक्ता उमेश त्रिपाठी की दलील है कि असिस्टेंट कमिश्नर दुबे अवैध शराब की बिक्री व परिवहन में स्थानीय शराब माफिया की मदद कर रहे हैं। देशी और अंग्रेजी शराब दुकानों में बिना कोई अनुमति, लाइसेंस के, लाइसेंस फीस या एक्ससाइज डयूटी लिए बिना अहाते खोलने दिए गए। साल के आरंभ से ये अहाते चल रहे हैं। जिसके चलते सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई। इसी तरह आर्मी कैंटीन को असिस्टेंट कमिश्नर दुबे ने जानबूझकर एक माह तक एफएल-6 लाइसेंस नहीं दिया। इससे करीब तीन करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ। इसके लिए उन्हें शोकॉज नोटिस दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

लॉकडाउन में अवैध शराब की बिक्री कराकर सरकार को 50 करोड़ का नुकसान पहुंचाया

लॉकडाउन के दौरान जबलपुर जिले की देशी शराब दुकानें लूटी गईं। असिस्टेंट कमिश्नर दुबे के सामने ठेकेदारों ने दुकानों से शराब निकलवाई। पूरे लॉकडाउन के दौरान महंगी दरों पर ये शराब बेची गई। सब कुछ जानते हुए भी बेचने वालों पर कोई कार्रवाई न कर सरकार को करीब 50 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति पहुंचाई।

कमिश्नर और कलेक्टरों ने कारण बताओ नोटिस दिए लेकिन कार्रवाई नहीं की

याचिका में आरोप लगाया गया है कि आबकारी आयुक्त दुबे के अवैधानिक कृत्य और कर्तव्य न निभाने को स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने गम्भीरता से लिया। संभागायुक्त महेश चौधरी व पूर्व कलेक्टर भारत यादव तथा छवि भारद्वाज ने भी दुबे को शोकॉज नोटिस दिए। असिस्टेंट कमिश्नर दुबे के इस कृत्य की शिकायत तीन पूर्व मंत्रियों, एक पूर्व व एक वर्तमान विधायक ने मुख्यमंत्री से भी की। असिस्टेंट कमिश्नर सत्य नारायण दुबे ने अपनी अवैध गतिविधियों के चलते राज्य सरकार को करीब 100 करोड़ रुपये की चपत लगाई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नही की गई। याचिका में आग्रह किया गया कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारी को विधि अनुसार दंडित किया जाए। ऐसा इसलिए ताकि सरकार को हो रहा नुकसान रोका जा सके।

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