JABALPUR के दागी पुलिस अधिकारी बर्खास्त किए जा सकते हैं, एसपी जांच करने पहुंचे - MP NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर
। दिल्ली एनसीआर की नोएडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों सब इंस्पेक्टर राशिद परवेज खान एवं पंकज साहू बर्खास्त किए जा सकते हैं। एडीजे साइबर सेल के आदेश पर एसपी गुरुकरन सिंह मामले की जांच करने जबलपुर पहुंचे। उन्होंने सभी संबंधित पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज किए एवं कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जप्त कर ली। मामला ₹54000 की धोखाधड़ी के आरोपियों से FIR दर्द ना करने के बदले लगभग 2900000 रुपए की रिश्वत वसूली का है।

SP साइबर सेल खुद जांच कर रहे हैं, एसपी अंकित शुक्ला PHQ अटैच

SP साइबर सेल गुरुकरन सिंह ने दोनों SI को मिली जांच व शिकायत संबंधी दस्तावेज खंगाले। टीआई समेत एसपी के बयान लिए। बुधवार को भी जांच जारी रहेगी। इसके बाद वे नाेएडा रवाना होंगे। नोएडा में गिरफ्तारी के बाद मामले में तीनों पुलिसकर्मी जहां निलंबित किए जा चुके हैं, वहीं एसपी अंकित शुक्ला पीएचक्यू अटैच किए जा चुके हैं।

जबलपुर साइबर सेल के बयान दर्ज, कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त

गुरुकरन सिंह प्राथमिक जांच करने ट्रेनी आईपीएस प्रियंका शुक्ला के साथ पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने आरक्षक से लेकर एसआई, टीआई व एसपी अंकित शुक्ला के बयान दर्ज किए। वहीं, रिश्वत मामले में नोएडा पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों एसआई पंकज साहू व राशिद परवेज खान व आरक्षक आसिफ अली को मिली जांच की जानकारी ली। उनके कम्प्यूटर के साथ अलमारी की खुलवा कर दस्तावेज जांचे। पुलिस ने कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क भी जब्त की है। वहीं, उनके पास लंबित जांच संबंधी दस्तावेज भी देखे।

ये है मामला
15 दिसंबर को जबलपुर स्टेट साइबर के एसआई पंकज साहू, एसआई राशिद परवेज खान, आरक्षक आसिफ अली व विजय नोएडा गए थे। वहां 2018 में दर्ज मेट्रिमोनियल मामले के तीन आरोपियों की तलाश और 54 हजार की ठगी मामले की जांच करने गए थे। 18 दिसंबर को एसआई राशिद परवेज की कार सवार पांच युवकों ने पिस्टल छीन ली। इसकी FIR नोएडा में सेक्टर 20 पुलिस ने दर्ज की। जांच के आधार पर पुलिस ने सेक्टर 12 में रहने वाले सूर्यभान यादव और गाजियाबाद खोड़ा में रहने वाले शशिकांत यादव को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने जबलपुर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज ना करने के बदले 28.70 लाख रुपए वसूलने का खुलासा कर लिया। इसके बाद नोएडा पुलिस ने उक्त तीनों पुलिस कर्मियों को भी गिरफ्तार कर लिया।

नोएडा पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं

नोएडा पुलिस ने दो FIR दर्ज की हैं। एक FIR बदमाशों द्वारा पुलिस कर्मी का पिस्टल छीनने का है। वहीं, दूसरी FIR दोनों एसआई व आरक्षक पर धमका कर रिश्वत लेने का दर्ज है। तीनों पुलिसकर्मी 27 अक्टूबर को 54 हजार की ठगी के पीड़ित चंद्रकांत दुबे की शिकायत मामले में सूर्यभान को फंसाने की धमकी देकर पैसे वसूलने गए थे। पैसे देने के बाद सूर्यभान ने दोस्त से मिलकर पुलिस वालों से पैसे छीनने का प्लान बनाया।

पैसे तो नहीं छीन पाया, लेकिन पिस्टल छीन ले गया। इसी पिस्टल ने पुलिसकर्मियों को बेनकाब कर दिया। पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता चंद्रकांत से मिलकर रिश्वत की रकम ली। बिटक्वाॅइन समेत अन्य माध्यम से 24 लाख रुपए चंद्रकांत के खाते में ट्रांसफर कराए। इसके बाद इस रकम को आरक्षक आसिफ अली के खाते में ट्रांसफर करा लिए थे। 1.70 लाख रुपए भी तीनों ने चंद्रकांत के खाते में और तीन लाख रुपए कैश लिए थे।

एसपी हटाए गए, अब तीनों पुलिसकर्मी होंगे बर्खास्त

साइबर सेल SP अंकित शुक्ला को गृह विभाग ने सोमवार रात को ही हटा दिया। उन्हें पुलिस मुख्यालय में अटैच करते हुए सहायक पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया है। यूपी में गिरफ्तारी के बाद दोनों एसआई व आरक्षक को निलंबित किया जा चुका है। अब CM शिवराज सिंह के आदेश के बाद उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हुई है। इसी के लिए प्राथमिक जांच सहित अन्य प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

एडीजी स्टेट साइबर सेल ए साईं मनोहर ने मामले में प्राथमिक जांच के आदेश दिए हैं। स्टेट साइबर सेल के एसपी गुरुकरन सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। 27 तक जांच रिपोर्ट मांगी है। आदेश में कहा गया है कि आरोपित पुलिसकर्मियों के अलावा अन्य अधिकारी या कर्मी की भूमिका मिलती है, तो उसे भी जांच में शामिल करेंगे।

प्राथमिक जांच करने मैं आया हूं, दिल्ली भी जाऊंगा

SP स्टेट साइबर सेल ने बताया कि गुरुकरन सिंह ने बताया कि पिस्टल छीनने और धमका कर रिश्वत लेने के दो प्रकरण नोएडा में जबलपुर स्टेट साइबर सेल के तीन पुलिस कर्मियों से जुड़े दर्ज हैं। दोनों घटनाक्रम का आपस में क्या कनेक्शन था। इसकी जांच के लिए मुझे जांच अधिकारी बनाया गया है। इसी सिलसिले में मैं जबलपुर आकर जांच शुरू कर दी है। यहां से मैं बुधवार को नोएडा भी जाउंगा। हर उस घटनास्थल पर जाऊंगा, जो इस केस से जुड़े हैं। तीनों आरोपी पुलिस कर्मियों के साथ गए आरक्षक विजय के भी बयान दर्ज होंगे। इसके अलावा इस केस में जो भी शामिल हैं। सभी के बयान दर्ज होंगे और पूछताछ की जाएगी।
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