जबलपुर। 22 फरवरी 2020 को जबलपुर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन पद पर पद ग्रहण करने पहुंचे कांग्रेस नेता अब्दुल महमूद रंगरेज के खिलाफ मई 2020 में जालसाजी का मामला दर्ज कर लिया गया था और दिसंबर 2020 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन इस मामले में फर्जी आदेश जारी करने वाले व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि नियुक्ति पत्र पर मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री केके सिंह नाम लिखा हुआ है।
JDA ऑफिस में चेयरमैन पद का चार्ज लेने गया था
ओमती पुलिस ने बताया कि अब्दुल मेहमूद रंगरेज 22 फरवरी को जबलपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) कार्यालय पहुंचा और स्वयं को अध्यक्ष बताकर पदभार ग्रहण की कोशिश करने लगा। उसने अधिकारियों से चैंबर, वाहन समेत अन्य सुविधाएं मांगी। उसने अधिकारियों को मध्य प्रदेश प्राधिकरण अधिनियम 1961 की धारा 19 की उपधारा (1) के अंतर्गत जारी शासन का पत्र दिखाया जिसमें उसे जेडीए अध्यक्ष बनाए जाने तथा राज्य मंत्री का दर्जा देने का जिक्र था।
4 महीने बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने बताया कि नियुक्ति आदेश फर्जी है
ओमती पुलिस के मुताबिक जेडीए ने रंगरेज द्वारा दिए गए अध्यक्ष संबंधी आदेश की जांच कराने के लिए शासन से पत्राचार किया। शासन ने 29 जून को पुष्टि कर दी कि उक्त आदेश फर्जी है। जिसके बाद जेडीए की तरफ से ओमती थाने में रंगरेज के खिलाफ 420 समेत धोखाधड़ी की अन्य धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज कराई गई।
5 महीने बाद पुलिस ने महमूद रंगरेज को गिरफ्तार कर लिया
एफआइआर दर्ज होने के बाद से रंगरेज फरार था। ओमती पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। इसी बीच पता चला कि रंगरेज बरगी क्षेत्र स्थित अपनी बहन के घर छिपा है। बरगी पुलिस के सहयोग से दबिश देकर उसे दबोच लिया गया।
पूछताछ कर रहे हैं, आदेश किसने जारी किया
शासन के फर्जी आदेश पर जबलपुर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनने की कोशिश करने वाले जालसाज को बरगी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है। आदेश के संबंध में उससे पूछताछ की जा रही है।
सतीश झारिया, एसआइ