भोपाल। भोपाल शहर के स्वास्थ्य व्यवस्था की लाइफलाइन कहे जाने वाले जयप्रकाश चिकित्सालय में इन दिनों "कायाकल्प" में प्रथम आने के लिए ऊल जुलूल कार्यों में भी सरकारी पैसों की बर्बादी साफ़ देखी जा सकती है। कायाकल्प में अव्वल स्थान प्राप्त करने के नाम पर अस्पताल परिसर में रंग-बिरंगे ध्वज एवं इसके खम्भे लगाने में लाखों रुपय बर्बाद किये जा रहे है।
रंग बिरंगे झंडों से मरीजों को क्या फायदा
दबी जुबान में अस्पताल के कर्मचारी ही कह रहे हैं कि यह काम प्रतिवर्ष का हो गया है। उनका कहना सही है कि रंग बिरंगे ध्वज से मरीजों एवं आम जन का क्या फायदा है। यह काम जनहित में न हो कर बल्कि कमीशन के हित में ज्यादा प्रतीत होता है क्योंकि हर बार यह कार्य होता है और एक ही ठेकेदार द्वारा काम करवाया जाता है।
वार्डों में बदबू जानलेवा होती जा रही है और ऑफिस का सौंदर्यीकरण चल रहा है
साफ़ पानी, टॉयलेट की साफ़-सफाई उपलब्ध करवाने पर किसी का ध्यान नहीं है। टॉयलेट की बदबू के कारण मैटरनिटी वार्ड, सर्जिकल वार्ड के सामने से निकलना तक मुश्किल है। बिल्डिंग में अनेक जगह पानी एवं ड्रेन की पाइप टूटी दिखना आम बात है। इससे पुरानी बिल्डिंग के फिजियोथेरेपी रूम एवं नई ओपीडी में इमरजेंसी वार्ड का कमरा नंबर 4, डायलिसिस वार्ड के सामने के अनेक कमरे सीवेज से ख़राब हो बंद पड़े है। इनको ठीक कराने की जगह रंग बिरंगे झंडे लगाए जा रहे हैं।
इमरजेंसी में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर नहीं है, पार्किंग में अवैध वसूली होती है
इमरजेंसी एवं अन्य विभागों में पर्याप्त मात्र में व्हील चेयर, स्ट्रेचर जैसे सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर ध्यान नहीं जाता है। पार्किंग ठेके पर दी गयी है जिसके पैसे ठेकेदार द्वारा कई महीनों से रोगी कल्याण समिति में जमा नहीं कराया गया है फिर भी पार्किंग का सञ्चालन एवं पार्किंग शुल्क रु 5 के जगह रु 10 की वसूली की जा रही है लेकिन अस्पताल का प्रबंधन इस तरफ ध्यान नहीं देता।