नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लॉटरी और गैंबलिंग (Lottery and gambling) को वस्तु एवं सेवा कर (GST) में शामिल किए जाने को लीगल करार दिया है। लॉटरी में इनाम की राशि भी टैक्स के दायरे में आती है। एक प्राइवेट लॉटरी कंपनी ने लॉटरी को जीएसटी में शामिल करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी।
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GST परिषद की पिछले साल दिसंबर में हुई बैठक में लॉटरी पर 1 मार्च, 2020 से 28% जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया था। इस मुद्दे पर जीएसटी परिषद में काफी माथापच्ची हुई थी। जीएसटी परिषद की बैठक में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी मुद्दे पर बहुमत से निर्णय लेने के लिए मतदान का सहारा लेना पड़ा था।
उससे पहले तक लॉटरी पर कराधान में दो तरह की व्यवस्था थी। इसके तहत राज्य की लाटरी की राज्य में बिक्री पर 12 प्रतिशत और राज्य के बाहर की बिक्री पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता था। 21 राज्यों ने 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का समर्थन किया था, जबकि सात राज्यों ने इसका विरोध किया था।