भोपाल। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की वह रिपोर्ट मध्य प्रदेश के मंत्रालय में पहुंच गई है जो बोर्ड ने चुनाव आयोग को सौंपी थी और चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजी थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जब तक उनके पास कोई रिपोर्ट नहीं आ जाती वह कुछ नहीं कह पाएंगे। अब रिपोर्ट आ गई है।
IPS सुशोभन बनर्जी, वी मधु कुमार, संजय माने और SPS अरुण मिश्रा के खिलाफ FIR
संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी धरणेंद्र कुमार जैन ने बताया कि आयोग से प्राप्त रिपोर्ट आगामी कार्रवाई के लिए शासन को भेज दी गई है। रिपोर्ट सामान्य प्रशासन विभाग के पास है। इस रिपोर्ट के आधार पर एडीजी रैंक के आईएएस अफसर सुशोभन बनर्जी, वी मधु कुमार, संजय माने और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि जिन पुलिस अफसरों का नाम रिपोर्ट में आया है, उनके खिलाफ मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 और उपधारा के तहत भ्रष्टाचार,पद के दुरुपयोग सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज होगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को रिपोर्ट के आधार पर चारों अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखेगा।
चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी कार्रवाई के लिए लिखा है
इसके अलावा गृह विभाग भी इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने तीनों आईपीएस अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी भेजा है।
2019 में कमलनाथ के करीबियों के यहां पड़े थे आयकर के छापे
बता दें कि अप्रैल 2019 में आयकर विभाग ने भोपाल, इंदौर और दिल्ली में 52 स्थानों पर छापेमार कार्रवाई की थी। जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व सलाहकार आरके मिगलानी, ओएसडी प्रवीण कक्कड़, इंदौर के हवाला कारोबारी ललित कुमार छजलानी, एनजीओ से जुड़े अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी और हिमांशु शर्मा के ठिकानों पर कार्यवाही हुई थी। कहा जा रहा है कि यहां से जप्त किए गए दस्तावेजों में उपरोक्त भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं।
रिपोर्ट में ट्रांसफर-पोस्टिंग में लेनदेन के सबूत
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगियों सहित अन्य व्यक्तियों के यहां लोकसभा चुनाव से पहले पड़े आयकर विभाग के छापे की रिपोर्ट में ट्रांसफर और पोस्टिंग में लेनदेन के सबूत हैं। इसमें गैर सरकारी व्यक्तियों के शामिल होने के प्रमाण भी दिए गए हैं। इनके विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज किए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि आवेदन का परिवहन पुलिस के सरकारी वाहनों में किया गया था।