भोपाल। हाल ही में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने खुले मंच से स्वीकार किया है कि लॉकडाउन के समय जबकि सारा देश घरों में बंद था, होमगार्ड के सैनिक ना केवल उनकी रक्षा कर रहे थे बल्कि अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद भी कर रहे थे। यही होमगार्ड न्याय की प्रत्याशा में हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। इनकी मांग को सरकार तक पहुंचाने की बजाय डीजे अशोक दौरे ने होमगार्ड लाइन में सिक्योरिटी बढ़ा दी है और खुली धमकी दी है कि यदि होमगार्ड हड़ताल पर जाए तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
मध्यप्रदेश में होमगार्ड को साल में 2 महीने वेतन नहीं दिया जाता
कमलनाथ सरकार के दौरान होमगार्ड के जवानों ने आंदोलन किया था। तब बीजेपी ने इनके आंदोलन का समर्थन किया था। जवानों का आरोप है कि प्रदेश में अब बीजेपी की सरकार है फिर भी उनकी मांग को नहीं सुना जा रहा है। सरकार ने उन्हें पूरे साल ड्यूटी देने का वादा किया था लेकिन सिर्फ 10 महीने ही ड्यूटी दिया जाता है। 2 महीने ड्यूटी नहीं मिलने के दौरान उनके सामने परिवार की रोजी-रोटी को लेकर संकट खड़ा हो जाता है।
कोर्ट के निर्देश के बावजूद सरकार मानने को तैयार नहीं
प्रदेश में थानों से लेकर विधायक, मंत्री और अफसरों के बंगलों पर होमगार्ड के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। प्रदेश भर में 13000 होमगार्ड के जवान हैं। इनमें से 10,000 जवान ऐसे हैं जिन्हें 3 साल में 1 महीने की छुट्टी बिना वेतन के दी जाती है, जबकि 3000 से जवान ऐसे हैं जिन्हें साल में 2 महीने बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दी जाती है। इन 3000 जवानों का विरोध इसी बात को लेकर है कि कोर्ट के निर्देश के बावजूद सरकार उनकी मांग को क्यों नहीं मान रही।