भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के एकमेव नेता कमलनाथ दें कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के नेता का नाम फाइनल कर दिया है। जैसा कि भोपाल समाचार डॉट कॉम ने बताया था (यहां पढ़ें), इस पद के लिए योग्यता के बजाय किसी दूसरे प्रकार के समीकरण को महत्व दिया गया है। कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह और 2018 से पहले शिवराज सिंह सरकार की नाक में दम कर देने वाले युवा नेता जीतू पटवारी को दरकिनार करते हुए आदिवासी नेता एवं पूर्व उप नेता प्रतिपक्ष श्री बाला बच्चन का नाम फाइनल किया गया है। युवा एवं तेजतर्रार आदिवासी विधायक श्री उमंग सिंघार का नाम कोरम पूरा करने के लिए था।
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा 28 दिसंबर से पहले
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की ओर से राजधानी के कुछ पत्रकारों को बताया गया है कि कांग्रेस पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के बीच बाला बच्चन के नाम पर सहमति बन गई है और हाईकमान ने भी उस पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर से शुरू होगा। इससे पहले कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष की औपचारिक घोषणा कर देगी। बता दें कि कमलनाथ के करीबी बाला बच्चन वर्ष 2013 से 2018 तक कांग्रेस विधायक दल के उपनेता की भूमिका निभा चुके हैं।
नेता प्रतिपक्ष पद के लिए बाला बच्चन ही क्यों
आदिवासी नेता बाला बच्चन की नियुक्ति तय मानी जा रही है। सब जानते हैं कि हाईकमान वही कहता है जो कमलनाथ चाहते हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए कमलनाथ ही हाईकमान है। अगले विधानसभा चुनाव में टिकट चाहिए इसलिए विधायक दल का कोई भी सदस्य कमलनाथ की मर्जी के खिलाफ नेता का चुनाव कराने की कोशिश भी नहीं करेगा। बाला बच्चन के पास पुराना अनुभव भी है। श्री बच्चन उपनेता प्रतिपक्ष रहे हैं। कमलनाथ के विश्वासपात्र हैं। इसके अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि श्री बाला बच्चन किसी भी स्थिति में ना तो कमलनाथ के लिए हानिकारक होंगे और ना ही नकुल नाथ के लिए चुनौती। जबकि डॉक्टर गोविंद सिंह, जीतू पटवारी, और उमंग सिंघार या तो कमलनाथ के लिए हानिकारक हो सकते थे या फिर नकुल नाथ के लिए चुनौती। वह खबर जिसमें कमलनाथ की रणनीति का अनुमान लगाया गया था पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें