भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों कर्ज लेने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं, जबकि मध्य प्रदेश की जनता पर 200000 करोड़ से ज्यादा का कर्जा हो चुका है। यानी प्रत्येक व्यक्ति को लगभग ₹40000 सामान्य के अलावा अतिरिक्त टैक्स के रूप में चुकाने होंगे। ऐसे हालात में कोई भी सरकार खर्चों में कटौती पर फोकस करती है परंतु सीएम शिवराज सिंह चौहान खर्चों के बजाय कर्जों पर फोकस कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा की। सीएम ने प्रधानमंत्री को बताया कि केंद्र से मध्य प्रदेश को मिलने वाला पैसा कम हुआ है। पीएम से GDP का 1 फीसदी कर्ज दिलाने की मांग भी की। सीएम ने बताया कि बारिश से हुए नुकसान के चलते किसानों के लिए मदद की मांग उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से की।
कर्जदार सरकार जनता के लिए हानिकारक होती है
ज्यादातर लोग इस बात को नहीं समझते। उन्हें लगता है कि सरकार कर्जा ले रही है तो सरकार ही चुकाई की परंतु वास्तविकता में ऐसा नहीं होता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिया गया कर्जा, ना तो वह व्यक्तिगत रूप से चुकाएंगे और ना ही भारतीय जनता पार्टी इसके लिए जिम्मेदार है बल्कि मध्य प्रदेश की जनता से टैक्स लगाकर वसूला जाएगा। पिछले 15 साल में लगातार लिए गए लोन के कारण ही मध्यप्रदेश में ₹55 के पेट्रोल पर ₹35 राज्य सरकार वसूल रही है जबकि पेट्रोलियम कंपनियां अपना मुनाफा और केंद्र सरकार अपना टैक्स प्रोसेसिंग के टाइम ही लगा देते हैं। केवल पेट्रोलियम उत्पाद ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में ऐसे कई टैक्स हैं जो दूसरे राज्यों की तुलना में कहीं ज्यादा लगाए जा रहे हैं। जनता पर टैक्स तो अपने की हद हो गई जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'मध्य प्रदेश के लोग गाय को रोटी नहीं खिलाते इसलिए वह जनता पर एक टैक्स लगाएंगे और गौशालाओं में गाय को रोटी खिलाएंगे।