जबलपुर। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा द्वारा शुरू की गई 'केयर बाय कलेक्टर' आम जनता को तो हेल्प कर रही है परंतु सिस्टम को हेल्प नहीं कर रही। भ्रष्टाचार के मामलों में पीड़ित को राहत पहुंचाई जा रही है लेकिन दोषी को दंडित नहीं किया जा रहा। मजेदार बात यह है कि नागरिकों को उनका अधिकार दिलाकर, इस प्रक्रिया को उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया जा रहा है जबकि यही कलेक्टर का कर्तव्य भी है।
मामला आगा चौक स्थित एक निजी अस्पताल का है। यहां आयुष्मान भारत योजना के तहत रजिस्टर्ड हितग्राही से इलाज के नाम पर ₹50000 जमा करा लिए एवं ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के लिए फीस मांगी गई। मामला स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का दिखाई दे रहा था। इन्वेस्टिगेशन की जरूरत है कि क्या हॉस्पिटल मैनेजमेंट दोनों तरफ से फीस वसूली कर रहा था। एक तरफ आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार से पैसे लिए जा रहे थे और दूसरी तरफ मरीज से नगद फीस की वसूली की जा रही थी।
कांचघर चौक जबलपुर निवासी श्याम कुमार हवेल द्वारा केयर बॉय कलेक्टर व्हाट्सएप नंबर 7587970500 पर प्रमाण सहित शिकायत की गई। कलेक्टर द्वारा इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता के भाई रवि कुमार हवेल उम्र 47 वर्ष के ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत निशुल्क कराया गया। केयर बॉय कलेक्टर हेल्पलाइन ने अपना काम तो किया परंतु इस मामले में पूरी कार्रवाई नहीं की गई।
आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीबद्ध गरीब नागरिकों से फीस वसूलने वाले प्राइवेट अस्पताल और उसके संचालक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। एक प्रकार से केयर बॉय कलेक्टर ने प्राइवेट हॉस्पिटल को भी मदद पहुंचा दी। जिसने शिकायत की उसे राहत देकर चुप करा दिया गया, जो मरीज शिकायत नहीं करेंगे वह शोषण के शिकार होते रहेंगे।