भोपाल। घोटाला है या नहीं, इसका पता तो दस्तावेजों के खुलासे के बाद ही होगा लेकिन भोपाल के मेट्रो प्रोजेक्ट में गड़बड़ी सामने आ गई है। सिविल वर्क के लिए शर्त रखी गई थी कि सड़कों का चौड़ीकरण करने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा परंतु कंपनियों ने बिना चौड़ीकरण के काम शुरू कर दिया जिससे आम जनता को भारी परेशानी हो रही है।
सुभाष नगर से गायत्री मंदिर तक जाम के कारण वाहनों की लंबी कतार लग रही है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के निर्देश पर मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने सिविल वर्क के लिए काम कर रही कंपनियों को एक शर्त रखी थी। इसमें बताया गया था कि कंपनी को कार्य शुरू करने से पहले सड़कों का चौड़ीकरण करना होगा। ताकि यातायात व्यवस्था दुरुस्त रहे, लेकिन सिविल वर्क कर कंपनी ने निर्देश पर अमल नहीं किया।
दरअसल, मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए कंपनी द्वारा सड़कों के बीच में ही सिविल वर्क किया जा रहा है। ऐसे में टू-लेन सड़क का 60 प्रतिशत हिस्सा मेट्रो प्रोजेक्ट के निर्माण की जद में है। सड़क के दोनों ही ओर स्थिति ऐसी हो जाती है कि चार पहिया वाहन तक नहीं निकल पा रहे हैं। मजह पांच से छह फीट तक की जगह वाहनों की आवाजाही के लिए बची हुई है।
उधड़ चुकी है सड़क, मरम्मत का काम भी नहीं
सुभाष नगर की ओर से गायत्री मंदिर के आगे तक सड़क लगभग बची ही नहीं है। हर दो कदम पर गड्ढों के कारण लोगों का गुजर पाना भी दूभर हो रहा है। मेट्रो प्रोजेक्ट के दोनों ही ओर जो स्थान बचा हुआ है उनमें मजह दो फीट ही उखड़ा हुआ डामर शेष है। लिहाजा बिना सड़क के कच्चे रास्ते से होने हुए लोगों को निकलना पड़ रहा है।