ग्वालियर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नईदिल्ली के निर्देशानुसार उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में भी 12 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन होगा। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति एवं को-चेयरमेन उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति न्यायमूर्ति श्री शील नागू के मार्गदर्शन में आयोजित होने जा रही नेशनल लोक अदालत में विद्युत प्रकरणों के निराकरण में विशेष छूट भी दी जायेगी। लोक अदालत में बीमा क्लेम प्रकरणों का निराकरण कराने के लिये बीमा कंपनियों के अधिवक्ताओं के साथ प्रीसिटिंग भी की जा रही है।
उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के विधिक सहायता अधिकारी श्री बृजेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत प्रकरणों में छूट के संबंध में विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-135, 138 एवं 126 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण 12 दिसम्बर को आयोजित होने जा रही नेशनल लोक अदालत में कराया जायेगा। लंबित प्रकरणों में निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू कृषि एवं पाँच किलोवाट भार तक के गैर घरेलू व 10 हॉर्सपॉवर भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं के प्रकरणों के निराकरण में विशेष छूट दी जायेगी।
प्रीलिटिगेशन स्तर पर दी जाने वाली छूट
विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने की दिशा में निर्धारण आदेश होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात हर छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाली ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
लिटिगेशन स्तर पर दी जाने वाली छूट
कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रतयेक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
इन शर्तों के तहत मिलेगी छूट
आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता का विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा।
आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य है।
नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति में दी जायेगी। विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता/उपभोगकर्ता छूट के प्राप्त नहीं होंगे। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जायेगी।
यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत 12 दिसम्बर 2020 में समझौता करने के लिये ही लागू रहेंगी। अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जायेगी।