जबलपुर। उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए जबलपुर स्टेट साइबर सेल के दो कथित सब इंस्पेक्टर के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस मुख्यालय के एक सूत्र ने बताया है कि गिरफ्तार हुए दोनों अधिकारी मध्य प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर नहीं है बल्कि विशेष सशस्त्र पुलिस बल के प्लाटून कमांडर हैं।
सुरक्षा के लिए नियुक्त हुए थे, जांच अधिकारी किसने बनाया
नोएडा में दर्ज FIR में दोनों ने खुद को सब इंस्पेक्टर बताया है। यह भी बताया है कि वह मैट्रिमोनियल मामले में जांच के लिए आए थे। बड़ा प्रश्न यह है कि सुरक्षा प्रदान करने वाले अधिकारियों को जांच करने का अधिकार किसने दिया। उल्लेखनीय है कि विशेष सशस्त्र पुलिस बल के कर्मचारियों को मध्य प्रदेश पुलिस के इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर के साथ केवल सुरक्षा प्रदान करने के लिए अटैच किया जाता है। इनकी वर्दी पर स्पष्ट रूप से विशेष सशस्त्र पुलिस बल लिखा होता है। यह लोग अटैचमेंट के बाद भी 'मप्रसु' का बिल्ला नहीं लगा सकते।
नोएडा में गिरफ्तार अधिकारी हर घंटे जबलपुर में बात कर रहे थे
इधर खबर आ रही है कि मामले की जांच कर रहे भोपाल स्टेट साइबर सेल के एसपी गुरुकरण सिंह ने जांच पूरी कर ली है। लगभग 100 पेज की जांच रिपोर्ट में कई ऐसे तथ्य हैं, जो यह बताते हैं कि नोएडा पहुंची टीम को जबलपुर से हर घंटे निर्देश जारी किए जा रहे थे। कब और कितना पैसे लेना है, कहां और किसे देना है। इन सवालों का जवाब मोबाइल पर ही मिल रहा था। हालांकि अभी मामले के इन तथ्यों को गोपनीय ही रखा गया है। माना जा रहा है कि एसपी सोमवार को जांच रिपोर्ट एडीजी ए. सांई मनोहर को सौंपेंगे।
प्रकरण का मूल घटनाक्रम
नोएडा पुलिस द्वारा बताया गया कि स्टेट साइबर सेल के एसआइ पंकज साहू, एसआइ राशिद खान और आरक्षक आसिफ 15 दिसंबर को नोएडा पहुंचे। वहां पर इन्होंने सूर्यभान नामक व्यक्ति को उसके ऑफिस से उठाया लिया और फिर उसे आपराधिक प्रकरण में फंसाने की धमकी देकर एक लाख 70 हजार रुपये सेंट्रल बैंक के अकांउट में जमा कराए गए। इसके बाद तीन लाख रुपये नकद और 24 लाख रुपये के बिटक्वाइन लिए गए। इतना ही नहीं 24 लाख रुपये की राशि आसिफ खान के अकाउंट में ट्रांसफर की गई। मामला सामने आने के बाद नोएडा पुलिस ने साइबर सेल के दो एसआइ और एक आरक्षक को गिरफ्तार कर लिया था।
जबलपुर के पत्रकारों को दिया बयान
नोएडा में गिरफ्तार किए एसआइ और आरक्षक के अलावा आरोपितों के बयान दर्ज किए हैं। जांच पूरी कर ली गई है। दो दिन के अंदर इस रिपोर्ट को एडीजी को सौंप दी जाएगी।
गुरुकरण सिंह, एसपी, स्टेट साइबर सेल, भोपाल