भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में दूसरे प्रदेश के उम्मीदवारों की बतौर अतिथि विद्वान भर्ती पर विवाद खड़ा हो गया है। मध्य प्रदेश के फॉलन आउट हुए अतिथि विद्वानों ने आपत्ति जताते हुए बताया है कि शिवराज सिंह सरकार कैबिनेट का फैसला और न्यायालय की रोक के बावजूद उच्च शिक्षा विभाग बाहरी उम्मीदवारों की भर्ती कर रहा है। यह न्यायालय की अवमानना का मामला है।
लगातार विवादों से घिरी सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2017 के भर्ती के कारण फालेन आउट हुए मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के अतिथि विद्वान पिछले एक वर्ष से बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं लेकिन आज तक सरकार उच्च शिक्षा विभाग रोज़गार नहीं दे पाई। प्रदेश के 600 उच्च शिक्षित अतिथि विद्वानों के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।
संघ के कानूनी लड़ाई लड़ने वाले अतिथि विद्वान डॉ पदम् सिंह ने बताया कि अब गंभीर मामला सामने आया है, कैबिनेट से मंजूरी मिली थी कि जो प्रक्रिया विभाग अपनाएगा उसमें भाग सिर्फ़ और सिर्फ़ फ़ालेंन आउट अतिथि विद्वान ही लेंगे लेकिन विभाग ने बाहरी उम्मीदवारों को लेने की प्रक्रिया शुरू कर दिया क्योंकि वो सिंगल बेंज इंदौर कोर्ट से विभागीय प्रक्रिया में शामिल होने का ऑर्डर लेकर आए थे। इस ऑर्डर को चैलेंज करते हुए अतिथि विद्वानों ने उच्चतम न्यायालय जबलपुर में केस दाख़िल कर दिया जिसके चर्चित निर्णय में माननीय न्यायालय के कहा कि दिसंबर 2019 में जो अतिथि विद्वान फालेंन आउट हुए हैं उन्हीं को व्यवस्था में लिया जाए और च्वाइस फीलिंग कराई जाए बाहरी लोगों को नहीं लेकिन ताज्जुब की बात है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश को दरकिनार करते हुए बाहरी लोगो को अंदर ले रहा है विभाग जो कि बेहद गंभीर मामला है।
डबल बेंच के ऑर्डर का सम्मान ना करना खुद न्यायालय का अपमान है। डॉ सिंह ने आग्रह करते हुए कहा कि सरकार और उच्च शिक्षा विभाग मामले को संज्ञान में लेते हुए जो बाहरी लोग अंदर आ गए हैं उनको तत्काल बाहर निकालें और बाहर हुए अतिथि विद्वानों को व्यवस्था में लें।
उच्चतम न्यायलय के आदेश के बाद भी बाहरी लोगों का अंदर आना दुर्भाग्यपूर्ण
संघ के सदस्य वा न्यायलयीन लड़ाई लड़ने वाले शशांक शर्मा ने कहा कि जैसे ही उच्चतम न्यायालय जबलपुर का आदेश आया की सिर्फ दिसंबर 2019 से फालेंन आउट अतिथि विद्वानों की ही च्वाइस फीलिंग हो और व्यवस्था में लिया जाए इस ऑर्डर को तत्काल हमने उच्च शिक्षा विभाग सतपुड़ा भवन में रिसीव करवाया और वाकायदा रिसीविंग ली लेकिन उच्च शिक्षा विभाग उसके बाद भी दो लिस्ट जारी किया जिसमें बाहरी लोगों को अंदर लिया गया जो समझ से परे है।हम उच्च शिक्षा विभाग और सरकार से निवेदन करते हैं कि बाहर के जो लोग अंदर आए हैं उनको तत्काल बाहर करें और माननीय उच्चतम न्यायलय के आदेश का सम्मान करते हुए दिसंबर 2019 से फालेंन आउट अतिथि विद्वानों को व्यवस्था में लें।