भोपाल। जैसी की उम्मीद की जा रही थी, मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्थगित कर दिया गया है। शाम 6:00 बजे विधानसभा में सर्वदलीय बैठक में यह डिसीजन लिया गया। कल 28 दिसंबर 2020 से शीतकालीन सत्र शुरू होना था। इससे पहले वाला सत्र मात्र 9 मिनट चला था।
सुबह प्रेस से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि यह वही कांग्रेस है, जिनके समय सज्जन सिंह वर्मा ने 1 दिन में विधानसभा सत्र खत्म कर दिया था, जिसे बुलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा था। ऐसे में जिनके घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरों पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। सत्र होगा या नहीं होगा यह तो निर्णय हो जाएगा, लेकिन कांग्रेस को तो सवाल करने का भी हक नहीं है। अब तक विधानसभा के 61 कर्मचारी पॉजिटिव हो चुके थे।
हमने तो कहा था 20-20 सदस्य बुलाए: कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ, विधानसभा स्थगित होने पर कहा कि इसकी ज़िम्मेदारी विपक्ष नहीं ले सकता, नियमों का पालन किया जाए, नियमों के अनुसार जैसे सदन चल सकता है, चलाया जाए। हमने सुझाव दिया है कि समितियां बनाकर 20-20 सदस्य बुलाए जाएं। हमारी आवाज़ सुनी जाए उसे दबाने की कोशिश न की जाए।
पहले सर्वदलीय बैठक स्थगित की गई थी
सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्र बुलाने के पहले सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाती है। इसमें सरकार समेत सभी दलों के प्रमुख नेता उपस्थित होते हैं, जो विधानसभा सत्र के द्वारा रखे जाने वाले विधायक और अन्य बातों पर सहमति जाहिर करते हैं। इसके बाद सत्र बुलाया जाता है। 28 दिसंबर से विधानसभा सत्र प्रस्तावित था, लेकिन 27 दिसंबर की शाम 6:00 बजे तक बैठक नहीं बुलाई गई थी। जबकि यह बैठक शनिवार दोपहर होनी थी। इसे स्थगित करके शनिवार शाम 6:00 बजे किया गया और फिर रविवार शाम 6:00 बजे।
अटक सकता है बिल
मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित धार्मिक स्वतंत्रता बिल के ड्राफ्ट को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। इसमें आरोपी को 10 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक जुर्माना करना है। इसे 28 दिसंबर को होने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जाना है। अगर विधानसभा सत्र नहीं होता है, तो फिर बिल अटक सकता है।