भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी ज्यादातर मुद्दों पर हार जाती है। कांग्रेस के दिग्गज नेता मुद्दे उठाते तो हैं परंतु नतीजों तक नहीं ले जा पाते। ताजा मामला नगरिया निकाय चुनाव में वोटिंग की प्रोसेस का है। कांग्रेस पार्टी ने इलेक्शन कमिशन ऑफ मध्य प्रदेश को अपना डिमांड नोट भेजते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों में वोटिंग EVM- इलेक्ट्रॉनिक वोट मशीन से कराने के बजाए वैलेट पेपर के माध्यम से कराई जाए। राज्य निर्वाचन आयोग ने उनकी मांग को खारिज कर दिया है।
EVM से VVPAT हटाए जा रहे हैं, चुनाव आयोग सरकार के दबाव में हैं: कॉन्ग्रेस
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतपत्रों की बजाए नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से कराने की मांग खारिज होने के बाद कांग्रेस की तरफ से औपचारिक बयान आया है। कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया ने कहा कि भाजपा नगरीय निकाय चुनाव में धांधली करने की फिराक में है। इस बार वीवीपैट हटाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग भी शिवराज सरकार के दबाव में काम कर रहा है। मजेदार बात यह है कि कांग्रेस की तरफ से यह नहीं बताया गया कि इस मुद्दे पर उसका अगला कदम क्या होगा।
कांग्रेस ने हार का ठीकरा फोड़ने का इंतजाम कर लिया हैः BJP
भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि उसे नगरीय निकाय चुनाव अपनी हार दिख रही है। इसीलिए हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की तैयारी में कांग्रेस पार्टी जुट गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ईवीएम का रोना छोड़ अपनी नीति और नेता पर विचार करना चाहिए। आपको बता दें कि कांग्रेस नेताओं की ओर से अक्सर ही EVM की प्रमाणिकता पर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं।
निकाय चुनाव के तारीखों का ऐलान 25 दिसंबर के बाद कभी भी
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से 25 दिसंबर के बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है. इधर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन एआईएमआईएम भी नगरीय निकाय चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी में है. इसके लिए पार्टी के पर्यवेक्षक मध्य प्रदेश के कई जिलों में इंटरनल सर्वे करा रहे हैं. एआईएमआईएम के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नईम अंसारी ने इसकी जानकारी दी है.