भोपाल। मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों के लिए नगर निगम एवं नगर पालिका और नगर परिषद इत्यादि के अध्यक्ष और महापौर पद के लिए आरक्षण की लिस्ट जारी कर दी गई है। भोपाल और खंडवा में अगली महापौर ओबीसी महिला होगी, जबकि ग्वालियर, देवास, बुरहानपुर, सागर और कटनी में अनारक्षित महिला महापौर बनेंगी। इंदौर, जबलपुर, रीवा और सिंगरौली महापौर का पद अनारक्षित हो गया है।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित प्रदेश के 16 नगर निगमों के महापौर के लिए आरक्षण की प्रक्रिया रवींद्र भवन में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त की मौजूदगी में की गई। इस दौरान 99 नगर पालिका व 292 नगर परिषदों के अध्यक्ष के लिए भी आरक्षण की प्रक्रिया भी फ्री की गई, खटिया के दौरान राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
नगर निगम महापौर पद के आरक्षण
1. अनारक्षित (सामान्य): इंदौर, जबलपुर, रीवा, सिंगरौली
2. अनारक्षित (सामान्य) महिला: ग्वालियर, देवास, बुरहानपुर, सागर, कटनी
3. ओबीसी महिला: भोपाल, खंडवा
4 ओबीसी: रतलाम, रतलाम सतना
5. एससी(अनुसूचित जाति): उज्जैन
6. एससी (अनुसूचित जाति) महिला: मुरैना
7. एसटी (अनुसूचित जन जाति): छिंदवाड़ा
ओबीसी वर्ग मुक्त नगरपालिकाएं -
सबलगढ़, शहडोल, सिरोंज, मैहर, सिवनी, मंडला, रहली, इटारसी, पनागर, जुन्नारदेव, राघोगढ़, मनावर।
ओबीसी महिला के लिए आरक्षित नगरपालिकाएं -
छतरपुर, धार, जावरा, सनावद, नेपानगर, आष्टा, हरदा, व्यावरा, पांढुर्ना, श्योपुरकला, होशंगाबाद, रायसेन और मंदसौर।
ओबीसी के लिए आरक्षित 25 नगर पालिका अध्यक्ष पद
सबलगढ़, धारा, आष्टा, रायसेन, सिरोंज, होशंगाबाद, छतरपुर, शहडोल, पन्ना, राधौगढ़, मंदसौर, जुन्नारदेव, मनावर, मैहर, सनावद, श्योपुर कलां, सिवनी, मंडला, ब्यावरा, रहली, पाढूंर्णा, इटारसी, जावरा और नेपानगर।
ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित: सबलगढ़, शहडोल, सिरोंज, मैहर, सिवनी, मंडला, इटारसी, रहली, जुन्नारदेव, पनागर, मनावर और राधौगढ़।
ओबीसी महिला के लिए आरक्षित: छतरपुर, धार, जावरा, सनावद, नेपानगर, आष्टा, हरदा, ब्यावरा, पांडुरना, श्योपुरकलां, होशंगाबाद, रायसेन और मंदसौर।
सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित नगर पालिका:
शुजालपुर मंडीदीप, अंबाह, नीमच, करेली, अमरवाड़ा, सौसर, चौरई, वारासिवनी, गुना, दतिया, देवरी, मुलताई, बैरसिया, शिवपुरी, महिदपुर, धनपुरी, नैनपुर, बालाघाट, खरगोन, पन्ना, गढ़ाकोटा, पिपरिया, राजगढ़, विदिशा और बैतूल।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित: मकरोनिया, दमुआ, डबरा, गोहद, सारणी, खुरई, आमला, चंदेरी, बीना, गोटेगांव, नागदा, भिंड, हटा, महाराजपुर और लहार।
अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित: खुरई, सारणी, गोहद, दमुआ, गोटेगांव, नागदा, भिंड और हटा।
अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित: मलाजखंड, झाबुआ, अलीराजपुर, पाली, बड़वानी और बिजुरी।
अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित: अलीराजपुर बड़वानी और बिजुरी।
सामान्य वर्ग के लिए अनारिक्षत नगरपालिकाएं:-
सारंगपुर, सिवनी-मालवा, बेगमगंज, टीकमगढ़, नौगांव, पोरसा, अशोकनगर, डोंगर-परासिया, सीहोरा, कोतमा, पसान, सीधी, बड़नगर, गंजबासौदा, नरसिंहगढ़, सिहोर, पीथमपुर, बड़वाह, नरसिंहपुर, सैंधवा, गाडरवारा, अनूपपुर, आगर, शाजापुर, उमरिया, दमोह और खाचरोद।
अजा-जजा के लिए आबादी के अनुसार होता है आरक्षण
नगर निगम में महापौर के लिए अजा, अजजा का आरक्षण आबादी के अनुसार होता है, जबकि ओबीसी आरक्षण 25 प्रतिशत होता है। ओबीसी आरक्षण में नियम है कि पिछली बार ओबीसी के लिए आरक्षित रहे निकायों को हटा कर यह आरक्षण होता है। इस बार भी पिछले बार की तरह वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही आरक्षण हो रहा है। ऐसे में जनसंख्या का अनुपात पिछले आरक्षण यानी 2014 जैसा ही होगा। आशय यह है कि अजा-अजजा के लिए आरक्षण में बदलाव नहीं होगा।
50% महिला आरक्षण बाय रोटेशन
मप्र में नगरीय निकायों में 50% महिला आरक्षण बाय रोटेशन होता है। यानी पिछली बार महिला वर्ग के लिए आरक्षित निकाय इस बार अनारक्षित होंगे। इसका आशय कि पिछली बार अनारक्षित रहे नगर निगम इस बार महिला वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। लाॅट निकालने में कई बार तकनीकी पेंच आ जाते हैं, जिसमें कभी स्थिति बदल भी जाती है।
वोट बैंक का खेल
माना जाता है कि शहरी वोट बैंक हमेशा भाजपा के साथ जाता है, जबकि ग्रामीण में कांग्रेस का आज भी अच्छा वजूद है। ऐसे में सरकार मेयर का चुनाव सीधे कराना चाहती है, ताकि चेहरा कोई भी हो लोग पार्टी देखकर वोट करें, जबकि कांग्रेस पार्षदों के जरिए चुनना चाहती थी, जिसे शिवराज सरकार ने पलट दिया।