भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के फार्मूला 75 से नाराज होकर कांग्रेस में भविष्य तलाशने गए नर्मदांचल के वरिष्ठ नेता सरताज सिंह भारतीय जनता पार्टी में वापस लौट आए हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर अगला चुनाव लड़ने से भारतीय जनता पार्टी का रिटायरमेंट प्लान बेहतर समझा। उल्लेखनीय है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सरताज सिंह को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही मंत्री पद से हटा दिया था।
दिग्विजय सिंह ने पार्टी की सदस्यता के साथ टिकट पकड़ाया था
75 वर्ष की उम्र पार कर चुके सरताज सिंह चुनाव लड़ना चाहते थे जबकि भारतीय जनता पार्टी उन्हें टिकट देने के लिए तैयार नहीं थी। कमलनाथ की खास रणनीति के चलते दिग्विजय सिंह ने सरताज सिंह के कांग्रेस पार्टी में शामिल होते ही उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट पकड़ा दिया था। होशंगाबाद विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सीताशरण शर्मा के सामने सरताज सिंह ने सीना तान कर चुनाव लड़ा लेकिन शर्मनाक पराजय का सामना करना पड़ा। चुनाव परिणाम के बाद से ही सरताज सिंह की कांग्रेस पार्टी में पूछ परख खत्म हो गई थी।
सरताज सिंह की कहानी भी कमलनाथ की तरह सफलताओं से भरी हुई है
जिस प्रकार कमलनाथ की पीआर एजेंसी उनकी सफलताओं की कहानियां सुनाती है। उसी प्रकार सरताज सिंह की कहानी भी सफलताओं से भरी हुई है। सरताज सिंह अटल आडवाणी के जमाने की भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं। वह पार्टी के टिकट पर होशंगाबाद से 5 बार सांसद और सिवनी मालवा सीट से 2 बार विधायक रह चुके हैं। केंद्र में एक बार स्वास्थ्य मंत्री तथा प्रदेश में वन व लोक निर्माण मंत्री रह चुके हैं। होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से 1989 से 1996 तक की अवधि में तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रामेश्वर नीखरा को लगातार हराया। 1998 में लोक सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अर्जुन सिंह को हराया। 1999 में लोक सभा चुनाव नहीं लड़ा। 2004 में पुन: लोक सभा चुनाव में विजयी रहे। 2008 में होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी एवं तत्कालीन विधान सभा उपाध्यक्ष हजारी लाल रघुवंशी को हराया एवं शिवराज सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।