भोपाल। सराय अधिनियम 1867 की धारा 4 के अनुसार रजिस्ट्रीकरण हेतु जिले की सीमाओं में स्थित समस्त सरायों (होटल/विश्रामगृह/छात्रावास) के सरायपालों द्वारा सरायों एवं सरायपालों (प्रबंधक/स्वामी) के नामों एवं निवास स्थानों तथा प्रत्येक सराय की अवस्थिति वेब एप्लीकेशन http://atithi.mppolice.gov.in के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।
अधिनियम की धारा 5 के अनुसार इस आदेश के जारी होने की दिनांक से एक माह के भीतर सराय का रजिस्ट्रीकरण नहीं कराए जाने की स्थिति में सरायपाल द्वारा सराय में किसी भी व्यक्ति को ठहरने की अनुमति नहीं होगी। अधिनियम की धारा 8 के अनुसार जिले की सीमा में स्थित समस्त सरायों (होटल/विश्रामगृह/छात्रावास) के सरायपालों द्वारा रजिस्ट्रीकरण के उपरांत पूर्वगामी दिन या शाम के दौरान सराय में ठहरने वाले व्यक्तियों की जानकारी वेब एप्लीकेशन http://atithi.mppolice.gov.in के माध्यम से सतत् उपलब्ध कराई जाना होगी। आदेश के तीन बार उल्लंघन करने की स्थिति में सराय का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री राकेश सिंह द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि सरायों (होटल/विश्रामगृह/छात्रावास) में समय-समय पर यात्री ठहरते हैं। कानून-व्यवस्था, सुरक्षा एवं विवेचना के दौरान पुलिस को ऐसे स्थानों पर ठहरने वालें व्यक्तियों की जानकारी की आवश्यकता होती है। प्राय: इस प्रकार की जानकारी को प्राप्त करने में विलंब होता है।
जानकारी की गुणवत्ता ठीक नहीं होती है एवं असत्य जानकारी मिलने की संभावना होती है। जिले में आश्रम, बोर्डिंग हाउस, सर्किट हाउस, धर्मशाला, गेस्ट हाउस, छात्रावास, होटल, लॉज, पेइंग गेस्ट, रिजार्ट, रेस्ट हाउस एवं किराये पर दी गई प्रॉपर्टी, गेस्ट/विजिटर के रूप में आकर सामाजिक एवं अवांछनीय गतिविधियों को संचालित किए जाने की प्रबल संभावना बनी रहती है। अपराधों की रोकथाम एवं पता साजी करना अत्यंत कठिन होता जा रहा है। शहर में शांति एवं कानून-व्यवस्था को खतरा उत्पन्न होने के साथ-साथ मानव जीवन एवं लोक सम्पत्ति की क्षति का भय रहता है।
उक्त तथ्यों के दृष्टिगत सरायों के रजिस्ट्रेशन एवं ठहरने वाले यात्रियों की जानकारी संकलित किए जाने के उद्देश्य से मप्र पुलिस राज्य अपराध ब्यूरो, पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा वेब बेस्ड एप्लीकेशन http://atithi.mppolice.gov.in तैयार किया गया है। जिसमें गेस्ट/विजिटर पहचान पत्र एवं फोटो अपलोड की जाती है एवं जानकारी को थाने स्तर एवं मुख्यालय स्तर पर प्राप्त की जा सकती है, जिससे कि उपरोक्त किसी भी तरह की अवांछनीय गतिविधियों के घटित होने के पूर्व सुगमता व सरलता से रोका जा सकता है एवं इसके साथ ही साथ अपराधियों को चिन्हित करने व उनके विरूद्ध उचित दण्डात्मक कार्रवाई किए जाने में प्रशासन एवं पुलिस कार्रवाई में सुगमता प्राप्त होगी।
उपरोक्त परिस्थितियों के दृष्टिगत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा सराय अधिनियम 1867 की धारा 03, 04, 05, 08 के अंतर्गत जन सामान्य के हित/जान/माल एवं लोकशांति बनाए रखने हेतु जिले की राजस्व सीमा के अंतर्गत उक्त प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
आदेश में कहा गया है कि जन साधारण की सुविधा एवं अवांछनीय गतिविधियों की रोकथाम, अपराधियों की पता साजी एवं जनमानस एवं लोक सम्पत्ति के लिए अत्यंत आवश्यक होने के कारण आश्रम, बोर्डिंग हाउस, सर्किट हाउस, धर्मधाला, गेस्ट हाउस, छात्रावास, होटल, लॉज, मोटल, पेइंग गेस्ट, रिजार्ट, रेस्ट हाउस एवं किराए पर दी गई प्रापर्टी आदि सभी को उपरोक्त निर्देशों के साथ-साथ http://atithi.mppolice.gov.in से अपना रजिस्ट्रेशन कर उपरोक्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।