भोपाल। बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को परेशान करने वाले मक्कार अधिकारियों को अब या तो टाइम पर काम करना होगा या फिर उन पर जुर्माना ठोका जाएगा। दिनांक 1 जनवरी 2021 से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में स्टूडेंट चार्टर लागू किया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि डिग्री, मार्कशीट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन जैसे कई काम निर्धारित समय सीमा पर किए जाएंगे। यदि किसी ने टाइम लिमिट में काम नहीं किया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को सस्पेंड भी किया जा सकता है।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में रिश्वत के लिए काम अटका कर रखे जाते हैं
दरअसल प्रदेश के विद्यार्थियों को मार्कशीट, डिग्री लेने समेत दस्तावेजों के सत्यापन जैसे छोटे-छोटे कामों के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन उनके काम नहीं होते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी विवि मुख्यालय से दूर रहने वाले खासकर ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को होती है। हर बार विवि से लेकर कॉलेज प्रशासन उन्हें जल्दी काम होने का आश्वासन देकर चलता कर देता है। आरोप लगते रहे हैं कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में रिश्वत के लिए विद्यार्थियों को तंग किया जाता है।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में सभी प्रकार की पाबंदियां सिर्फ विद्यार्थियों के लिए हैं
इन परेशानियों की सबसे बड़ी वजह यह है कि इन कामों के लिए अब तक प्रशासन ने न कोई समयसीमा तय कर रखी है और न किसी अधिकारी-कर्मचारी को जिम्मेदारी दे रखी है। इसी का फायदा उठाकर विवि के अधिकारी, कर्मचारी विद्यार्थियों को न सिर्फ परेशान करते रहते हैं, बल्कि इन कामों के लिए विद्यार्थियों की तरफ से कर्मचारियों पर रिश्वत मांगने के आरोप भी लगते रहते हैं। हालांकि कार्रवाई किसी पर नहीं हो पाती है। लेकिन अब नई व्यवस्था के बाद विवि की हर शाखा के कर्मचारी-अधिकारी की जिम्मेदारी तय हो जाएगी, जिसके बाद उन्हें तय समयसीमा में काम पूरा करना ही होगा।