भोपाल। मप्र कर्मचारी काँग्रेस के प्रांतीय निकाय के आह्वान पर प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी शिक्षक अपनी लम्बित माँगो के निराकरण में सरकार की उदासीनता के कारण पूरे प्रदेश में (विरोध दिवस) मनाया गया, तथा मुख्यमंत्री के नाम 18 सूत्री मांगो का ज्ञापन संभाग आयुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोंपा गया।
माँगो में मुख्य रूप से वार्षिक वेतन वृद्धि देना, पाँच प्रतिशत लम्बित डी.ए.का भुगतान कराना, एन पी एस को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल करना, पेंशनरों को 32 माह का डी.ए.,एरियर भुगतान करना, लिपिक संवर्गीय कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना, संविदा कर्मचारियों का नियमितकरण करना,मंत्री एवं विधायकों की भांति कर्मचारियों का प्रोफेशनल टैक्स जमा करने,पुलिस विभाग में लम्बित क्रमोन्नति एवं पद्दोन्नति का निराकरण करना, सभी कर्मचारियों एवं शिक्षकों को चार स्तरीय वेतनमान देने, स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारियों को जो कोरोना में कार्य कर रहे हैं उन्हें कोरोना योध्दा घोषित कर दस हजार रूपये प्रतिमाह देने, स्थायी कर्मी,दैनिक वेतनभोगी एवं कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित करने,शिक्षकों एवं भृत्यों को पदनाम देने जैसी मुख्य मांगो के सम्बध में ज्ञापन दीया।
संगठन के रवींद्र त्रिपाठी, अम्बरीष गुप्ता, शिवकुमार द्विवेदी ,शिवदत्त भार्गव, सेवाराम शर्मा, के.के.अवस्थी, सुनील पटेरिया, रामभरोसी शर्मा, राजैन्द्र कौरव,बलवीरसिंह किराड़, रघुनंदन तोमर, राकेश शर्मा, रामशंकर हरदेनिया,राकेश भार्गव, अजय श्रीवास्तव, धर्मवीर सिंह गुर्जर ,बलकेश्वर शर्मा, बोधराज छापरिया, हाकिम सिंह आदि ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कर्मचारियों की माँगो का समय सीमा में निराकरण नहीं किया गया तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन करेंगे।