भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आम सभाओं में भले ही कुछ भी बयान देते हो परंतु सरकारी कागज और नियम कई बार ना केवल उनके बयान के विपरीत होते हैं बल्कि प्रभावशाली भी होते हैं। धान खरीदी के मामले में ऐसा ही कुछ हुआ है। शिवराज सिंह बयान देते हैं कि किसानों की धान का एक-एक दाना खरीदा जाएगा लेकिन कृषि मंत्रालय से सभी कलेक्टर कार्यालय को भेजा गया सरकारी आदेश कहता है कि यदि किसान ने धान की खेती के लिए जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं किया तो उसकी धान को समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा।
धान की खेती के लिए कृषि विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा जारी गाइडलाइन
किसान को मिलर्स से बेस्ट क्वालिटी का सर्टिफिकेट लेना होगा।
मिलर्स के सर्टिफिकेट के बिना की गई धान की बुवाई के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होगी।
धान का बीज कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। जिले के कृषि विभाग का अधिकारी जिस कंपनी के डिब्बे पर हाथ रख देगा, किसान को वही बीच खरीदना पड़ेगा।
धान की क्वालिटी तय करने में खाद्य विभाग की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी।
यदि धान की फसल उत्तम गुणवत्ता वाली नहीं हुई तो उसे समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस आदेश पर सवाल उठने की स्थिति में सरकार की तरफ से जवाब तैयार कर लिया गया है। यह गाइडलाइन इसलिए जारी की गई क्योंकि किसान समझदार नहीं होता। वह गलत बीज खरीद लेता है। नतीजा उसकी फसल खराब होती है। इसलिए सरकार ने तय किया है कि पहले किसानों को जागरूक करेंगे और फैसला लिया है कि खराब क्वालिटी की धान नहीं खरीदेंगे।