इंदौर। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2019 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम विगत 21 दिसम्बर 2020 को जारी किया गया है। जिसके संबंध में आवेदकों की ओर से प्राप्त हो रहे ज्ञापन के संदर्भ में वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए आयोग की उप सचिव सुश्री राखी सहाय ने बताया है कि राज्य सेवा परीक्षा नियम-2015 का संशोधन नियम जो कि 17 फरवरी 2020 के राजपत्र में प्रकाशित है, की कंडिका 3 (घ) में प्रावधान है कि (एक) अभ्यर्थियों के प्रारंभिक/मुख्य परीक्षा के परिणाम उनके ऑनलाईन आवेदन पत्र में उनके प्रवर्ग के रूप में वर्णित वर्ग में घोषित किए जाएंगे।
(दो) आरक्षित प्रवर्ग (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़े वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के ऐसे अभ्यर्थी जो सामान्य प्रवर्ग के अभ्यर्थियों की भांति बिना किसी शिथिलीकरण के चयनित होते हैं, उन्हें आरक्षित प्रवर्गों के लिए आरक्षित पदों के विरूद्ध समायोजित नहीं किया जाएगा। उन्हें अनारक्षित प्रवर्ग की रिक्तियों के विरूद्ध समायोजित किया जाएगा। किन्तु उक्त समायोजन केवल अंतिम चयन के समय होगा, प्रारंभिक/मुख्य परीक्षा के समय पर नहीं होगा।
उन्होंने बताया है कि इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा डब्ल्यू ए 1450/2018 एवं 1791/2018 में पारित निर्णय दिनांक एक फरवरी 2019 का भी अवलोकन किया जा सकता है।