सिटी प्लानर के घर से सरकारी नौकरियां बिकती थी, PEB EXAM से लेकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक सब घर बैठे - GWALIOR NEWS

Bhopal Samachar
ग्वालियर
। ग्वालियर में एक बिल्डर से ₹500000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए नगर निगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा के लैपटॉप से भ्रष्टाचार की नई कहानियां निकलना शुरू हो गई है। EOW की ओर से बताया गया कि प्रदीप वर्मा के लैपटॉप से नगर निगम के अलावा स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग से संबंधित दस्तावेज मिले। इनमें नियुक्ति पत्र और पोस्टिंग आर्डर भी शामिल है। इसी के साथ चर्चा शुरू हो गई है कि प्रदीप वर्मा भर्ती रैकेट संचालित करता था। उम्मीदवार का PEB EXAM से लेकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक सब कुछ प्रदीप वर्मा के घर पर हो जाता था। कैंडिडेट को सीधे नियुक्ति पत्र और पोस्टिंग आर्डर दिए जाते थे।

EOW के आईटी इंजीनियरों को लैपटॉप का पर्सनल लॉक तोड़ने में 7 दिन लगे

नगर निगम के सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को सप्ताहभर पहले बिल्डर धर्मेंद्र भारद्वाज से पांच लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। उसके विनयनगर स्थित बंगले पर छापे में नगर निगम के फाइलों के अलावा आधा दर्जन लैपटाप व एक दर्जन के लगभग पेन ड्राइव बरामद की थी। ईओडब्ल्यू की आइटी विभाग की टीम पिछले सात दिन से इसके लैपटाप के पर्सनल लाक को तोड़कर ओपन करने का प्रयास कर रही थी। ईओडब्ल्यू की टीम को शनिवार को इसमें सफलता मिली है।

स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के दस्तावेज मिले

कालोनियों की जानकारी, नगर निगम के कई अधिकारियों की शिकायतें, तथा नगर निगम के स्केन किए महत्वपूर्ण दस्तावेजों का भंडार मिला है। सबसे चौकानी बाली बात यह है कि प्रदीप वर्मा का नगर निगम सिटी प्लानर था। स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग से उसका कोई लेना-देना नहीं था। इसके बाद भी उसके लैपटाप से स्वास्थ्य विभाग के नियुक्ति पत्र, पोस्टिंग आर्डर, मेडिकल संबंधी बिल भी मिले हैं। इसी तरह शिक्षा विभाग के दस्तावेजों में नियुक्ति पत्र भी हैं। अभी लैपटाप की और फाइलों को खोलकर देखा जा रहा है। एसपी (ईओडब्ल्यू) अमित सिंह ने बताया कि संबंधित विभागों के आला अधिकारियों को पत्र के साथ इन दस्तावेजों के संबंध में जानकारी मांगी जाएगी। सरकारी दस्तावेज का चोरी- छिपे संग्रहण करना भी अपराध की श्रेणी में आता है।

बैंक खातों की जानकारी आना शुरू

ईओडब्ल्यू को छापे में छह बैंकों के 12 के लगभग पास बुकें मिलीं थीं। यह खाते प्रदीप वर्मा के अलावा, उसके भाई प्रशांत, पत्नी व भाई की पत्नी के नाम पर थे। शनिवार को यूनियन बैंक द्वारा भेजी गई जानकारी में बताया गया है कि प्रदीप के खाते में 64 हजार रुपये, पीएनबी में भाई प्रशांत के खाते में 88 हजार रुपये और ग्रामीण बैंक में प्रदीप, उसके भाई की पत्नी के खाते में 56-56 हजार रुपये की राशि जमा है।

अधिकारी के घर में दो फर्जी पैन कार्ड मिले

रिश्वतखोर के बंगले से छह पैन कार्ड भी मिले थे। यह पैन कार्ड मां, भाई, पत्नी और भाई की पत्नी के नाम पर हैं। एक-दो अन्य लोगों के भी पैन कार्ड मिले हैं। इन पैन कार्डों में पति व पिता के नाम बदले हुए हैं। आशंका यह भी है कि यह गड़बड़ी घूसखोरी से अर्जित की गई संपत्ति को छिपाने के लिए की गई है। ईओडब्ल्यू के अधिकारी भी यही मान रहे हैं। यह गड़बड़ी गंभीर हैं। आयकर विभाग व पैन कार्ड बनाने वाली कंपनी से जानकारी मिलने के बाद आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला अलग से दर्ज होगा।
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!