देश के किसान आन्दोलन कर रहे हैं | देशव्यापी बंद लम्बा चल सकता है | प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये निश्चित मात्रा में गेहूं, चावल और चने की मुफ्त आपूर्ति ३० नवंबर को बंद हो गई। परिणाम स्वरूप गेहूं के भाव बढने शुरू हो गये हैं |तेजी लौटने के आसार बन रहे हैं, जो निश्चित रूप से गरीबों के लिए कष्टप्रद साबित होंगे । कोरोना दुष्काल के कारण रोजगार में कमी बढती महंगाई और अब यह मार गरीबो के लिए तो चौतरफा है |
अधिकारिक सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से एक निश्चित मात्रा में की जा रही गेहूं, चावल और चने की मुफ्त आपूर्ति ३० नवंबर को बंद हो गई। स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक इससे गेहूं के भाव बड़ेंगे | व्यापरियों को अधिक भाव मिलने की संभावना है, जिससे अनाज को गोदामों में रोके रखने की प्रवृति और मजबूत होगी ।
यह विषय अलग है देश के कई हिस्सों में कोविड-१९ संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने के कारण गरीब तबका उम्मीद लगाये है कि केंद्र सरकार पीडीएस के तहत मुफ्त अनाज वितरण की योजना दिसंबर और उसके बाद भी कुछ महीनों तक जारी रखेगी, लेकिन ३० नवंबर के आखिरी दिन से आज तक इस योजना की अवधि बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई। इसका मतलब है कि दिसंबर से मुफ्त अनाज वितरण की व्यवस्था खत्म हो गई है ।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पंजीकृत करीब ८० करोड़ लोगों की मदद के लिए सरकार की तरफ से यह योजना शुरू की गई थी। इसके कारण बाजार में गेहूं की मांग कम हो गई थी, जिसका असर इसके भाव पर नजर आ रहा था। चूंकि अब यह योजना खत्म हो गई है, लिहाजा बाजार में मोटे तौर पर उम्मीद की जा रही है कि गेहूं के भाव बढ़ने शुरू हो गये हैं ।
कुछ माह पहले केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर प्रवासी मजदूरों और गरीबों के लिए मुफ्त अनाज योजना को नवंबर तक बढ़ा दिया था। इस योजन को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना गया था | इसके तहत उन लोगों को भी अनाज प्रदान किया गया जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए उन लोगों के पास आधार कार्ड होना जरूरी था। वे राशन कार्ड या आधार कार्ड दिखाकर पर्ची बनवाकर इस योजना का लाभ उठाते रहे हैं ।
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ३० जून को अपने संबोधन में कहा था कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर २०२० तक बढ़ाया जा रहा है और योजना को दिया गया था। इसके तहत देश के 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को अलग से प्रति व्यक्ति ५ किलो गेहूं या चावल और १ किलो चना मुफ्त प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में आदेश ३० जून को ही जारी कर दिए गए थे। इस योजना का लाभ वे लोग ने भी उठाया जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे ।
सरकार का हमेशा दावा रहा है कि सरकार हर हाल में गरीब मजदूरों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराना चाहती है। पहले यह योजना सिर्फ तीन महीनों यानी जून तक के लिए थी, लेकिन फिर इसे बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया। दिल्ली समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस आदेश का पालन कर मुफ्त राशन बांटने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी। अब योजना समाप्त और गरीब भगवान के भरोसे है | सरकार को इस दुष्काल के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखकर फौरन कोई कार्य योजना बनाना चाहिए | इससे बाज़ार में बनाया जा रहा नकली अभाव, कालाबाजारी तो रुकेगी गरीबो को सस्ता राशन सुलभ होगा |
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।