भोपाल। भोपाल-इंदौर हाइवे पर सीहोर जिले के आष्टा तहसील क्षेत्र में सतना का शुक्ला परिवार एक्सीडेंट का शिकार हो गया। पति पत्नी और दो बच्चे उज्जैन जा रहे थे कि तभी उनकी कार रात करीब 2:00 बजे एक पेड़ से जा टकराई। इस हादसे में शुक्ला दंपति सहित उनके 10 वर्षीय बेटे की मौत हो गई। 13 वर्षीय बड़ा बेटा गंभीर रूप से घायल है अस्पताल में भर्ती किया गया है।
नई कार खरीदी थी, आरटीओ का नंबर भी नहीं मिला था
जताखेड़ा जोड़ में हादसे में कार सवार उज्जैन में पदस्थ आरक्षक विभवेष शुक्ला (40), उसकी पत्नी नैनीका शुक्ला (36) और 10 साल के छोटे बेटे अनुज की मौत हो गई। बड़ा बेटा आनंद (13) घायल हो गया। मृतकों के शव और घायल पिता-पुत्र को कार से बाहर निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। कार कुछ दिन पहले ही खरीदी गई, अभी आरटीओ में पंजीयन भी नहीं हुआ।
कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया
हादसा इतना खतरनाक था कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और पत्नी और बेटे की घटना स्थल पर मौत हो गई। वहीं आरक्षक और बड़ा बेटा घायल होने पर सिविल अस्पताल आष्टा से प्राथमिक इलाज के बाद इंदौर रेफर कर दिया, जहां आरक्षक विभवेष शुक्ला की भी मौत हो गई।
आरक्षक, पत्नी और बच्चों को लेकर उज्जैन जा रहा था
विभवेष उज्जैन के माधव नगर में आरक्षक था। वह पत्नी और बच्चों को लेकर उज्जैन जा रहा था। डायल 100 ने कार के वायर काटकर उसे बंद किया और शव बाहर निकाले। पुलिस ने विभवेष के परिवार को घटना की सूचना दी है। सतना के सिविल लाइन थाना में पदस्थ पत्नी के भाई शत्रुघ्र गौतम सूचना के बाद वहां से रवाना हो गए, अब उनके आष्टा पहुंचने पर गुरुवार सुबह मां-बेटे के पीएम होगा।
विभवेष सतना का रहने वाला है, पिता, भाई और बहन पुलिस में
आरक्षक मूलत: सतना जिले के रहने वाले हैं। मृतक के पिता अशोक कुमार शुक्ला रीवा जिला के गढ़ में पदस्थ रहे। उनके चार भाई बहन हैं। बड़ी बहन रीता तिवारी उज्जैन में ही आरक्षक हैं। एक बहन कविता रीवा में और भाई पंकज शुक्ला सूरत में इंजीनियर है। परिवार मूलत सतना जिले के तुर्की का है।
किसान आंदोलन की ड्यूटी से लौट रही पुलिस पार्टी ने रेस्क्यू किया
माधवनगर थाना एसआई सलमान कुरैशी ने बताया कि विभवेष शुक्ला माधवनगर थाने में आरक्षक था। एक माह पूर्व वह मां की तबीयत खराब होने पर परिवार सहित कार में सवार होकर सतना गए थे। बुधवार को उनकी छुट्टियां खत्म होने वाली थी। इसके लिए वे सतना से सुबह कार में सवार होकर परिवार वालों के साथ उज्जैन लौट रहे थे। तभी आष्टा के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। किसान आंदोलन में ड्यूटी कर लौट रहे इंदौर के पुलिसकर्मियों ने सुबह हादसे को देख वाहन रोका। इसके बाद आष्टा पुलिस को सूचना देकर घायलों को निकालना शुरू कर दिया। हादसे के बाद भी कार चालू थी, जिसे पुलिस ने वायरिंग काटकर बंद की।