हिंदू धर्म में शंख का विशेष महत्व है। जन्म से लेकर युद्ध तक शंखनाद किया जाता है। शंख को भारत की पूजा पद्धति का अभिन्न अंग माना गया है। शंख इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि इनका नामकरण भी किया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने जिस शंख को बजाकर महाभारत के युद्ध की घोषणा की थी उस शंख का नाम पांचजन्य है।
शंख कहां मिलते हैं और कहां बनाए जाते हैं
परंतु क्या आप जानते हैं कि यह शंख कैसे बनते हैं? क्या यह मानव निर्मित हैं या फैक्ट्रियों में बनाए जाते हैं या जमीन से निकलते हैं या आसमान से गिरते से हैं। बहुत सारे लोगों को पता है कि शंख समुद्र के किनारे मिलते हैं, इसके बाद इनकी सफाई, पॉलिश और डिजाइन बनाने के बाद ही इन्हें बाजारों में बेचा जाता है। अब प्रश्न यह है कि समुद्र के अंदर शंख कैसे बनते हैं।
शंख क्या है और इसे समुद्र में कौन बनाता है
शंख को बनाने वाला जीव मोलस्का संघ का एक प्राणी है जिसके शरीर के चारों ओर एक कठोर आवरण या मेंटल (Mantle) पाया जाता है, जो कैल्शियम कार्बोनेट का बना होता है। इस जीव को पाइला या स्नेल (pila or snail) कहा जाता है। जबकि सीपी, यूनियो (unio) नाम के जीव से प्राप्त होते हैं। जिससे कि मोती (pearl) प्राप्त होता है।
चूँकि मोलस्का संघ के प्राणी कोमल शरीर वाले तथा बिना रीड की हड्डी वाले अकशेरुकी प्राणी (Invertebrates) होते हैं। इस कारण उन्हें अपने शरीर पर एक कड़े आवरण की आवश्यकता होती है, जो कि उन्हें सुरक्षा देता है। यही कड़ा आवरण शंख बनाता है। यानी हम कह सकते हैं कि शंख पाइला या स्नेल नाम के जीव का कवच होता है।
शंखविज्ञान किसे कहते हैं
विज्ञान की वह शाखा जिसके अंदर मोलस्का का अध्ययन किया जाता है, मोलास्क विज्ञान (Malacology) कहलाती है। जबकि मौलस्का के आवरण या shell का अध्ययन करना, शंखविज्ञान (conchology) कहलाता है। मोलास्का संघ के जीवों को सामान्यतः घोंघा (snails, Gastropoda) कहा जाता है। आर्थोपोडा संघ के बाद यह संघ दूसरा सबसे बड़ा अकशेरुकी जीवो का संघ है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)