मूंगा चट्टानें कैसे बनती हैं, कौन बनाता है, कितने साल में बनकर तैयार हो जाती हैं - SCIENCE की बातें

Bhopal Samachar
जिस प्रकार शंख और मोती का निर्माण समुद्री जीवों के कवच द्वारा होता है। उसी प्रकार द ग्रेट बैरियर रीफ (ऑस्ट्रेलिया) तथा अंडमान निकोबार आईलैंड (इंडिया) आदि का निर्माण भी समुद्री जीवों द्वारा ही हुआ है। 

संघ सीलेंट्रेटा के प्रमुख लक्षण

इन आईलैंड को बनाने वाले जीव भी अकशेरुकी अर्थात बिना हड्डी वाले (Invertebrates) होते हैं जिन्हें सीलेंट्रेटा (Coelentrata) कहा जाता है। दंश कोशिकायें (Stinger cell or Nematocyte) की उपस्तिथि के कारण इन्हे नीडेरिया (Cnideria )भी कहा जाता है। इस संघ के जीवो को सामान्यता झूठी मछली  (false fish) कहा जाता है। 

सीलेंट्रेटा संघ के जंतुओं में देह भित्ति से घिरी एक गुहा होती है जो कि आंत (Intestine) का कार्य करती है। इस गुहा को सिलेंट्रांऑन कहा जाता है, इसीलिए  इस संघ का नाम सीलेंट्रेटा है। 

आईलैंड का निर्माण कैसे होता है

जब यह जीव मर जाते हैं तो इनके कंकाल (skeleton)  इकट्ठा होते जाते हैं, जो कि करोड़ों वर्षों से एकत्रित हो रहे हैं। यह पानी में घुल नहीं पाते इसलिए पानी के ऊपर एकत्रित होते जाते हैं और इनका समूह बड़ा होता जाता है। इसके साथ दूसरा कचरा भी आकर जुड़ जाता है और इस तरह एक जमीन तैयार हो जाती है जिसे हम आइलैंड कहते हैं। जिन्हें मूंगा चट्टानें या प्रवाल भित्ति या कहा जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (science question answer in hindi, साइंस क्वेश्चन आंसर, science questions and answers general knowledge, general science question answer in hindi, science general knowledge question answer,)

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