ललित मुद्गल/ शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के करैरा तहसील क्षेत्र में करैरा पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश के राहगीरों के खिलाफ षड्यंत्र रच कर झूठा मामला दर्ज करने और रिश्वत के तौर पर ₹400000 हड़प लेने का मामला सामने आया है। मामले की जांच के बाद एसपी शिवपुरी ने घटना में शामिल एक सब इंस्पेक्टर, एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर और तीन पुलिस आरक्षकों को सस्पेंड कर दिया है।
करैरा में हुए घटनाक्रम का विवरण
24 नवबंर की रात लगभग की शाम 5 बजे करैरा थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी करैरा के बाईपास कॉलेज चौराहे पर डयूटी कर रहे थे। पुलिस ने यूपी की ओर जा रहे चार पहिया वाहनों को रोककर चेकिंग की। इस चैंकिग में 2 गाडियो में बैठे सुभाषचंद यादव, नीलेन्द्र राय, यशवंत ठाकुर, हरज्ञान अहिरवार, गेंदाराज, रमेश कुशवाह, रामकुमार राय, बाबू उर्फ बल्लू सिंह लोधी, रूप नारायण, असलम खांन पर पुराने के 500-500 के 40 हजार नोट बरामद किए और मामला दर्ज कर लिया था।
यह हुई शिकायत
यशवंत ठाकुर और इनके साथियों ने इस मामले से अपनी जमानत कराकर एसपी शिवपुरी राजेश सिंह चंदेल को ज्ञापन सौपा कि हम 24 नबवंर की शाम 5 बजे झांसी की आरे जा रहे थे। करैरा बाईपास पर जैसे ही हमारी गाडिया पहुंची करैरा थाने के पुलिस कर्मी एसआई आदित्य प्रताप सिंह , एएसआई नरेन्द्र सिंह यादव, आरक्षक अमित यादव, आरक्षक सतीश यादव, आरक्षक देवेश तोमर व अन्य कथित दो पत्रकार खडे थे।
उन्होने हमारी गाडिया रोकी और कागजात मांगे, हमने हमारे कागजात दिखाए उन्होने कहा कि यह तो फोटोकॉपी हैं ओरिजिनल दिखाइए। हमने मना किया कि हमारे पास यही है। इस पर उक्त पुलिसकर्मी हमे गालिया देने लगें। हमने मना किया तो हमारे साथ लगातार अभद्रता करने लगे, पास में ही खडे एक पत्रकार ने अपनी जेब से 500 के पुराने नोटो का बंडल निकाला और पुलिसकर्मिया को दे दिया।
पुलिसकर्मी हमे जबरिया पुलिस कार्यालय के बगल बने सरकारी भवन की कोठरी में बंद कर दिया तथा दरवाजे बंद कर दिये। इसके पश्चात जब रात होने लगी तो सिपाही सतीश यादव एवं एक और सिपाही कमरे के अंदर आये और कहने लगे कि तुम तीनों लोग दो-दो लाख रूपये कहीं से भी इंतजाम करो नहीं तो देशद्रोह का केस लगाकर जेल में सड़वा दूंगा।
हमे डरा धमका गया, जो मोबाइल हमसे छीन लिए गए थे उन्है वापस किया। हमने हमारे रिश्तेदारों को फोन लगाया ओर 2 रिश्तेदारों से 2-2 लाख रूपए लिए। करैरा थाने का आरक्षक रूपए लेने दतिया गया। हमे डरा धमका कर 4 लाख रूपए हडप लिए और हमारे उपर झूठा मामला दर्ज कर दिया।
बताया जा रहा है इस मामले की शिकायत के बाद एसपी ने एएसपी को जांच सौंपी जांच के आदेवन समय और आवेदनकर्ता के रिश्तोदारो और करैरा थाने के पुलिसकर्मियो की कॉल रिर्काडिंग भी सौंपी थी। इसी जांच के आधार पर करैरा के पांच पुलिसकर्मिया को संस्पैड कर दिया गया है।