अफसरों के प्राइवेट वीडियो पब्लिक होने का खतरा, हाईकोर्ट ने तारीख बढ़ाई - INDORE MP NEWS

Bhopal Samachar
इंदौर।
मध्य प्रदेश के सबसे हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार की गई लड़कियों के वीडियो रिकॉर्ड में कैद हुए अफसरों को कुछ समय के लिए राहत मिल गई है। मामले में आरोपित लड़कियों ने जप्त किए गए पेन ड्राइव, सीडी, हार्ड डिक्स इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों की कॉपी मांगी थी। मामले की जांच कर रही SIT कॉपी जाने के लिए तैयार नहीं है। उसने हाई कोर्ट में याचिका फाइल कर दी है। सोमवार को इस पर डिसीजन होना था परंतु तारीख बढ़ गई। 2 सप्ताह बाद इस मामले की सुनवाई होगी। 

जिला न्यायालय ने आदेश दिया है सभी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों की कॉपी उपलब्ध कराएं

हनी ट्रैप मामले में ट्रायल जिला न्यायालय में चल रहा है। प्रकरण के आरोपितों ने विचारण न्यायालय के समक्ष आवेदन देकर गुहार लगाई थी कि एसआइटी द्वारा केस में जब्त सीडी, पैन ड्राइव, हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों की एक-एक कॉपी उन्हें उपलब्ध करवाई जाए ताकि वे अपना बचाव तैयार कर सकें। कानूनन हर आरोपित तो वे दस्तावेज उपलब्ध करवाए जाते हैं जिनके आधार पर उस पर आरोप लगाया जा रहा है। जिला न्यायालय ने चार दिसंबर 2020 को उक्त आवेदन का निराकरण करते हुए एसआइटी को आदेश दिया था कि वह सप्ताहभर के भीतर तमाम इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज की कॉपी आरोपितों को उपलब्ध करवा दें।

SIT की दलील: आपत्तिजनक वीडियो में मौजूद अफसरों को ब्लैकमेल किया जा सकता है

जिला न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए एसआइटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। एसआइटी का कहना है कि आरोपितों को इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज की कॉपी दी गई तो उसका दुरुपयोग हो सकता है। अन्य आरोपित सीडी, पैन ड्राइव और हार्ड डिस्क में नजर आ रहे अधिकारियों की पहचान कर उन्हें ब्लैकमेल कर सकते हैं। एसआइटी के तर्क सुनने के बाद 11 दिसंबर 2020 को हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट के 4 दिसंबर 2020 को दिए आदेश पर रोक लगा दी थी। 

12 दिसंबर से 24 जनवरी तक नोटिस की तामील नहीं हुई

कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। सोमवार को उम्मीद थी कि मामले में बहस हो जाएगी और यह तय हो जाएगा कि दस्तावेज आरोपितों को मिलेंगे या नहीं, लेकिन बहस टल गई। आरोपित की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया कि दो पक्षकारों को नोटिस ही तामिल नहीं हुए। कोर्ट ने 11 दिसंबर को दिए स्टे को जारी रखते हुए सुनवाई आगे बढ़ा दी है।

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