भोपाल। मध्य प्रदेश में करोना महामारी के बीच जब हजारों लोग अपनी जान के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। तब मध्य प्रदेश की सरकार 3000 से ज्यादा तबादलों के माध्यम से तबादला फैक्ट्री चला रही थी।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने तबादले के इन चौकाने वाले आंकड़ों को भारतीय जनता पार्टी की सरकार की असली सूरत बताया है। उन्होंने कहा कि अभी 4 दिन पहले ही प्रदेश के मुखिया ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नसीहत दी थी कि भाजपा का कार्यकर्ता तबादले की दलाली और तबादला मंडली से दूर रहे। मुख्यमंत्री जी की इतनी अच्छी भावना के बावजूद फिर ये तीन हजार तबादले किन दलालों ने करवाये? यह प्रदेश की जनता जानना चाहती है।
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अप्रैल तक तबादलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है तब यह तबादले किस तबादला फैक्ट्री का उत्पादन है यह सरकार को बताना चाहिए। गुप्ता ने कहा कि कमलनाथ सरकार पर घिनौने आरोप लगाने वाले नेता बतायें कि दलाली के अड्डे किस कुटिया में कैद हैं। जब कोरोना में लोग जान बचाने घूम रहे थे तब भी इस प्रदेश में हर दिन 10 तबादले कौन कर रहा था? यह खुलासा होना चाहिए।
गुप्ता ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में रोज गैंगरेप हो रहे हैं। शराब के अवैध जखीरे पकड़े जा रहे हैं। कोरोना काल में जिन्होंने गरीब के निवाले छीने ऐसा राशन माफिया पकड़ा जा रहा है। सरकार के भंडारों में जहरीला और जानवरों के खाने योग्य खाद्यान्न पकड़ा जा रहा है, और तो और इस प्रदेश में कोरोना बीमारी का फायदा उठाने वाला दुनिया का निकृष्टतम नकली प्लाज्मा माफिया तक पैदा हो गया जिससे मध्य प्रदेश कलंकित हुआ है।
यह स्थिति ताबड़तोड़ तबादलों के कारण उत्पन्न हुई प्रशासनिक अराजकता से पैदा हुई है या सरकार की आपसी फूट और गुटबाजी के कारण यह प्रदेश की जनता जानना चाहती है। गुप्ता ने जनसेवा का दावा करने वाले नेता से भी सवाल किया है कि वे बतायें कि उनके गुट के किन-किन लोगों ने इस तबादला तालाब में हाथ धोये हैं।