नकली प्लाज्मा कांड में 39 लाख रुपए रिश्वत, डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज - GWALIOR NEWS

Bhopal Samachar
ग्वालियर
। देश भर की सुर्खियों में रहे नकली प्लाज्मा कांड में रिश्वत कांड भी हो गया। राधास्वामी लैब ने कार्रवाई से बचने के लिए ₹39 लाख की रिश्वत दी है। मामला पुलिस के FIR रजिस्टर में दर्ज हो गया है। मामले का खुलासा इसलिए हुआ क्योंकि राधास्वामी लैब वाले ने कुछ शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि डॉ. विवेक चक्रवर्ती और उनका साथी 39 लाख रुपए रिश्वत ले गए, खुद को केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर बता रही थी लेकिन दोनों फर्जी हैं।

राधा स्वामी पैथोलॉजी पर मिला था अवैध प्लाज्मा

बता दें कि जयारोग्य अस्पताल की फर्जी रसीद पर प्लाज्मा बेचकर कोरोना संक्रमित मरीजों के परिजन को ठगने वाले गिरोह को बेनकाब किया गया था। पुलिस जहां इस गिरोह से जुड़े दलालों का नेटवर्क खंगाल रही है। वहीं इसके सरगना को पुलिस ने पकड़ लिया है। गौरतलब है कि राधा स्वामी पैथोलॉजी से अवैध प्लाज्मा रखा हुआ मिला था जबकि उसके पास प्लाज्मा रखने या निकालने की परमिशन नहीं थी।

डॉ. विवेक चक्रवर्ती और गजेन्द्र कोरी फर्जी जांच अधिकारी बनकर आ गए

पुलिस को आशंका है कि राधा स्वामी लैब से ही इस कांड के सरगना अजय त्यागी को प्लाज्मा उपलब्ध हुआ है। प्लाज्मा के लिए बैग उपलब्ध करवाने का काम श्री राधा स्वामी पैथोलॉजी लैब से होता था। इनके पास डॉ. विवेक चक्रवर्ती और गजेन्द्र कोरी आए। यहां उन्हें कप्तान कुशवाह निवासी तेली की बजरिया मिले। आरोपियों ने इनको सेन्ट्रल गर्वमेंट से जारी एक लेटर दिखाया और कहा कि आप पर एक्शन लिया जाएगा। अगर ऐसा नहीं चाहते हो तो सौदेबाजी कर लो। कुल मामला 39 लाख रुपए में तय हुआ। अलग-अलग किश्तों में आरोपियों ने मोटी रकम ली। 

जब पूरे मामले का पता चला कि लेटर फर्जी है और उसके साथ ठगी हो गई है तो वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराने गया। यहां से क्राइम ब्रांच को मामला सौंपा गया। टीम ने पूरे मामले की जांच की तो निष्कर्ष निकला कि फरियादी के साथ लाखों रुपए की ठगी हुई है। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। क्राइम ब्रांच टीआई दामोदर गुप्ता ने बताया कि अभी हम जांच कर रहे हैं। ठगी के मामले में अभी ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं।

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