80% न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स फरवरी में क्यों टूट जाते हैं, ध्यान से पढ़िए GOAL MANAGEMENT

Bhopal Samachar
शक्ति रावत।
कुछ ही दिन पहले नया साल शुरू हुआ है, यकीनन आपने भी जोश में आकर न्यू ईयर के मौके पर कोई ना कोई रिजॉल्यूशन यानि संकल्प जरूर लिया होगा लेकिन आपको जानकर शायद अच्छा ना लगे, कि पूरी दुनिया में 80 फीसदी न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स फरवरी यानि साल का दूसरा महीना आते-आते टूट जाते हैं, और आखिर में लोग कह देते हैं, कि गुरू हमसे ना हो पाएगा। 

इस आर्टिकल का मकसद आपको कतई हतोत्साहित करना नहीं है, ना ही आपका मनोबल गिराने का है, लेकिन सवाल यह पैदा होता है, आखिर ऐसा होता क्यों है, क्यों लोग अपने न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स पर कायम नहीं रह पाते। शोध कहते हैं, कि फरवरी का दूसरा हफ्ता आने तक ज्यादातर लोगों के संकल्प टूट चुके होते हैं। ऐसा क्यों होता है, जानिये गोल मैनेजमेंट के इस सबक में। 

1- मॉटिव की कमी

 नया साल आते ही लोगों के अंदर कुछ करने का जोश पैदा होता है, कोई वजऩ घटाने, कोई पढ़ाई करने, कोई पैसे बचाने तो कोई नौकरी और बिजनेस को लेकर कई तरह के न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स लोग लेने लगते हैं, लेकिन सफल इसलिये नहीं होते, क्योंकि आपको यह तो पता है, कि आपको क्या चाहिये, लेकिन यह पता नहीं होता कि, क्यों चाहिये। यानि मॉटिव या उद् येश्य साफ नहीं होता। जैसे कि, आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो क्यों करना चाहते हैं, अच्छा दिखने के लिए, बच्चों के सामने उदाहरण पेश करने के लिए या फिर किसलिए। ऐसा ही हर संकल्प के साथ है, अगर न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स के पीछे आपका लक्ष्य साफ नहीं है, कि आप क्या चाहत हैं, और क्यों चाहते हैं, तो आपका संकल्प ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा। 

2-मोटीवेशन की कमी

ज्यादातर लोगों के न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स दूसरों को देखकर बनते हैं, कुछ लोग फैशन की तरह न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स ले लेते हैं, लेकिन जब अमल की बात आती है, तो परेशान हो जाते हैं, क्योंकि इसके पीछे मोटीवेशन की कमी होती है। दरअसल लोग सोचते तो ज्यादा है, लेकिन मेहनत नहीं करना चाहते। कई लोग बदलाव के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते, क्योंकि अपने रिजॉल्यूशन के लिए वे मोटीवेट नहीं होते, और बिना मोटीवेशन के कोई संकल्प पूरा नहीं हो सकता।

3-मॉरल की कमी

न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स के फेल होने के पीछे एक बड़ा कारण मॉरल की कमी भी है, हम सभी शार्टकट जिंदगी जीने के आदि हो गए हैं, इस दौर में अपने प्रति भी ईमानदारी कम हुई है, सच यह है, कि निगेटिव सोच के साथ कोई पॉजीटिव काम नहीं कर सकता। लोग बहुत तेजी से खुद को बदलना चाहते हैं, लेकिन बदलाव को एंजाए नहीं करते, कभी सपोर्ट ना मिलने की शिकायत करते हैं। लेकिन न्यू ईयर रिजॉल्यूशन्स पूरा करने के लिए आपको खुद के साथ ईमानदार होने की जरूरत है। ✒ लेखक मोटीवेशनल स्पीकर और लाइफ मैनेजमेंट कोच हैं।

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