भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स) से 31 मार्च के बाद कई कर्मचारी संस्थान से बाहर हो जाएंगे। इनमें कई कर्मचारी ऐसे हैं जो करीब 8 साल से एम्स भोपाल में विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं। अपने-अपने विभाग में कामों में यह कर्मचारी दक्ष हो गए हैं।
ऐसे में विभागाध्यक्षों को भी चिंता हो रही है कि इन कर्मचारियों के जाने के बाद काम में मुश्किल आएगी। लिहाजा विभागाध्यक्षों ने नई आउटसोर्स कंपनी बेसिल और एम्स प्रबंधन को पत्र लिखकर इन कर्मचारियों को यथावत रखने की मांग की है। लेकिन कंपनी ने पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को 31 मार्च तक ही काम पर रखने को कहा है। इसके बाद नई नियुक्तियां की जाएंगी। नई नियुक्तियों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। पिछले शुक्रवार को कंपनी ने विभिन्न पदों के लिए लिखित परीक्षा ली है। इस परीक्षा में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों के अलावा नए उम्मीदवारों ने भी भाग लिया है।
हालांकि अनारक्षित वर्ग के लिए अधिकतम उम्र सीमा 30 वर्ष होने की वजह से पहले से काम कर रहे कई कर्मचारी आवेदन ही नहीं कर पाए हैं। जिन कर्मचारियों ने आवेदन किया है और परीक्षा भी दी है, उनका कहना है कि कंपनी ने परीक्षा में कई ऐसे सवाल किए हैं,जिनका उस पद से कोई लेना-देना ही नहीं है। मसलन प्लंबर और इलेक्ट्रिशियन की परीक्षा में कंप्यूटर से जुड़े सवाल पूछे जाने की बात उम्मीदवार कर रहे हैं। ऐसे में उम्मीदवारों को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं कंपनी उन्हें परीक्षा में सफल नहीं होने का हवाला देकर बाहर तो नहीं कर देगी। इस संबंध में एम्स के डायरेक्टर डॉ सरमन सिंह पहले ही बोल चुके हैं कि उनका इससे कोई वास्ता नहीं है। यह कंपनी की पॉलिसी होती है कि वह किन कर्मचारियों को रखें और किन्हें नहीं। भोपाल की लोकसभा सदस्य प्रज्ञा ठाकुर भी कंपनी और एम्स प्रबंधन को पुराने कर्मचारियों को यथावत रखने के लिए पत्र लिख चुकी हैं।