इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश राज्य की हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को राहत देते हुए नगर निगम के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके माध्यम से नगर निगम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बैंक अकाउंट को सीज करवा दिया था। भारतीय स्टेट बैंक में यूनिवर्सिटी का बैंक अकाउंट सीज हो जाने के कारण एएमयू के सभी काम ठप हो सकते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
हाईकोर्ट में बैंक अकाउंट सीज करने वाले आदेश पर रोक लगाई, 15 दिन में डिसीजन का आदेश
AMU के जनसंपर्क विभाग के MIC प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि मामला पहले से ही हाईकोर्ट में विचाराधीन था। नगर निगम के नोटिस के बाद एक बार फिर से हाईकोर्ट के संज्ञान में स्थिति ताजा हो गई। हाईकोर्ट ने 31 जनवरी तक AMU के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में संचालित को सीज करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। प्रोफेसर किदवई ने बताया के हाईकोर्ट ने नगर निगम के बकाए से संबंधित प्रकरण को स्थानीय अदालत को 15 दिन के भीतर निस्तारित करने के लिए भी कहा है। यह मामला स्थानीय स्तर पर भी विचाराधीन है।
AMU पर ₹140000000 हाउस टैक्स बकाया, इसलिए बैंक अकाउंट सीज करवाए
इधर, विश्वविद्यालय प्रशासन भी नगर निगम के नोटिस का जवाब भेज चुका है। नगर निगम ने पिछले दिनों अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर 14 करोड़ रुपए के हाउस टैक्स का बकाया होने की बात कहते हुए नोटिस भेजा था। साथ ही नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने एसबीआई में संचालित हो रहे विश्वविद्यालय खाते को सीज करा दिया था।
हाउस टैक्स मात्र 6 करोड रुपए है, नगर निगम वाले 8 करोड रुपए ब्याज मांग रहे हैं
नगर निगम द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर 14 करोड़ रुपये बकाया होने की बात कहते हुए नोटिस भेजने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन में नगर निगम को अपना जवाब भेजा है। साथ ही महामारी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय का सीज किया गया खाता भी जल्द से जल्द रिलीज करवाने की मांग की गई है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद आईपीएस की ओर से नगर निगम को भेजे गए जवाब में कहा गया है कि नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स की जिस रकम का उल्लेख किया गया है, उसमें 8 करोड़ रुपये तो सिर्फ ब्याज के ही हैं।
क्लासरूम और लाइब्रेरी पर भी टैक्स मांग रहा है नगर निगम
इसके अलावा नगर निगम ने कर निर्धारण करते समय कक्षाओं पर, प्रयोगशालाओं पर, पुस्तकालयों पर भी करारोपण करते हुए उन्हें टैक्स के दायरे में ले लिया, जबकि 10 अप्रैल 1990 को जारी किए गए शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख है कि शिक्षण संस्थाओं की कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय कर के दायरे में नहीं आएंगे।
AMU को नगर निगम से 9 करोड रुपए लेना है
नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 577 के मुताबिक यह शासनादेश आज भी प्रभावी है, लेकिन नगर निगम द्वारा नोटिस भेजते समय इन सब बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। इसके अलावा नगर निगम के दो नलकूप विश्वविद्यालय परिसर में लगे हुए हैं। उनका करीब 9 करोड़ रुपये नगर निगम पर बकाया है, जो उनको विश्वविद्यालय को देना है। इन सब बातों को देखते हुए नगर निगम अपने रुख पर एक बार फिर से विचार करे।
खाता सीज किया तो यूनिवर्सिटी का कामकाज ठप हो जाएगा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बैंक खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में संचालित हो रहा है। इस समय महामारी का समय चल रहा है। विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज में वैक्सीन के ट्रायल का काम चल रहा है। इस तरह खाता सीज होने से इन सभी चीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए जल्द से जल्द खाते को रिलीज करने के लिए नगर निगम सभी औपचारिकताएं पूरी करे।