चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक विवाहित महिला की सुरक्षा की याचिका को खारिज करते हुए ₹25000 का जुर्माना ठोक दिया। दरअसल, विवाहित महिला अपने पति से तलाक लिए बिना बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही है और चाहती है कि पुलिस उसकी सुरक्षा करें। हाई कोर्ट ने इसे अवैध संबंध माना जिसे सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती।
पति से तलाक लिए बिना बॉयफ्रेंड के साथ रहने लगी, हाई कोर्ट से सुरक्षा मांगी थी
विवाहित महिला सोनू और उसके प्रेमी सुखवीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सोनू के पति और उसके परिजनों से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। याचिका में सोनू का कहना था कि उसकी शादी गुरजीत सिंह से हुई है और उसके तीन बच्चे हैं। छह महीने पहले वह सुखवीर सिंह के सपंर्क में आई और दोनों में प्रेम हो गया।
इस बारे में जब सोनू के पति और घर वालों को पता चला तो उन्होंने सोनू और उसके प्रेमी को जान से मारने की धमकी दी। दोनों ने इस बारे में पटियाला पुलिस प्रमुख को एक मांग पत्र देकर सुरक्षा की मांग की थी लेकिन पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की, जिसके चलते दोनों ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई।
यह एक अपवित्र गठबंधन है, इसे सुरक्षा नहीं दे सकते: हाई कोर्ट
जस्टिस मनोज बजाज ने याचिका पर सुनवाई को दौरान कहा कि तलाक के बिना ऐसे संबंधों को वैध नहीं माना जा सकता। यह एक अपवित्र गठबंधन है। इसके अलावा याचिका बिना कोई ठोस आधार के दायर की गई है, जो कानूनी अधिकार का दुरुपयोग है।
कानूनी अधिकार का दुरुपयोग करने के लिए बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड पर 25000 का जुर्माना
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए विवाहिता और उसके प्रेमी को 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण पटियाला में जुर्माना राशि जमा करवाने का आदेश दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पटियाला को भी आदेश दिया कि वे जुर्माना राशि की वसूली और जमा कराना सुनिश्चित करें।