भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दिहाड़ी मजदूर दीपक मरावी की मौत हो गई। बताया गया है कि दीपक मरावी उन लोगों में से एक हैं जिन पर कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा था। समाचार लिखे जाने तक दीपक की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।
एनडीटीवी के रेजिडेंट एडिटर अनुराग द्वारी ने बताया कि दीपक मरावी की मृत्यु 21 दिसंबर 2020 को हो गई थी। उनकी पत्नी ने कैमरे के सामने बयान दिया है कि उनकी मृत्यु वैक्सीन के कारण हो गई है। स्वर्गीय दीपक मरावी उन लोगों में से एक हैं जिन पर कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा था। स्वर्गीय दीपक मरावी की पत्नी का कहना है कि उनके पति की मौत के बाद ना तो सरकार से कोई मदद मिली है और ना ही मृत्यु के उपरांत वाली प्रक्रियाएं पूरी हो रही है। अस्पताल द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा और पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी है।
बताया गया है कि दीपक मरावी भोपाल की टीला जमालपुरा इलाके में रहते थे। उनके बाद यहां उनकी पत्नी और 3 बच्चे शेष रह गए हैं। दीपक को पहला टीका लगाया गया था उसके बाद दीपक की तबीयत खराब हो गई और उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु का कारण समाचार लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं किया गया है। दीपक की पत्नी ने अपने बयान में बताया है कि वैक्सीन के 7 दिन तक उनकी तबीयत ठीक थी लेकिन फिर चक्कर आने लगे और मुंह से झाग निकलने लगा।
घर में अकेले थे पापा, मां काम पर गई थी, भाई खेल रहा था
दीपक के बेटे आकाश मरावी ने बताया कि डोज लगवाने के बाद से पिता ने मजदूरी पर जाना बंद कर दिया था, वे कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे। पिताजी की सेहत 19 दिसंबर को बिगड़ी थी। अस्पताल चलने को कहा था, लेकिन वे नहीं माने। 21 दिसंबर को जब उनका निधन हुआ, तब वे घर में अकेले थे। मां काम से बाहर गई थी और छोटा भाई बाहर खेल रहा था। हमने मौत की सूचना उसी दिन पीपुल्स कॉलेज को भेज दी थी। अगले दिन सुभाष नगर विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया था।
पीपुल्स मेडिकल कॉलेज का बयान
वाॅलंटियर दीपक मरावी की मौत की जानकारी है। उन्हें क्लीनिकल ट्रायल में वैक्सीन लगाया गया था। पोस्टमार्टम कराया गया है। इसकी फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है।
डॉ. अनिल दीक्षित, डीन, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज यह भी पढ़ें (BHOPAL गैस पीड़ित पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कर डाला)
दीपक मरावी की जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दीपक मरावी की विसरा रिपोर्ट आने पर सही तथ्य सामने आएंगे लेकिन, वैक्सीन को लेकर गलत धारणा नहीं बनानी चाहिए। दीपक मरावी वह वॉलंटियर थे, जिन पर भारत बायोटेक वैक्सीन का ट्रायल किया गया था।सीएम शिवराज के मुताबिक उनकी जानकारी में कोरोना वैक्सीन के नतीजे के दुष्परिणाम 24 घंटे से लेकर 3 दिन के अंदर आ जाते हैं लेकिन, दीपक मरावी की मौत 7 दिन बाद हुई है। ऐसे में मौत के कारणों के लिए जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।