भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार आम जनता पर लगातार नए-नए टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है। पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जनता पर गाय की रोटी का टैक्स लगाने की घोषणा कर दी थी और अब भोपाल में अवैध रूप से सार्वजनिक रास्तों पर खड़ी होने वाली कारों पर टैक्स (जुर्माना नहीं) लगाने की तैयारी की जा रही है। इस प्रकार नगर निगम लोगों को सार्वजनिक रास्तों को पार्ट टाइम पार्किंग जोन बनाने की तैयारी कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम भोपाल ने पिछले साल संपत्ति का डाटा जुटाने के लिए हाउस होल्ड और GRAS सर्वे कराया था। इसके अनुसार, भोपाल में करीब 65% लोगों के पास कार जैसे वाहन हैं, इनमें से 40% ऐसे लोग हैं, जो वाहनों को खड़ा करने के लिए निगम की जमीन का इस्तेमाल फ्री में कर रहे हैं। इन्हीं लोगों से नया टैक्स वसूलने की तैयारी की जा रही है।
आरटीओ के रिकॉर्ड के मुताबिक, भोपाल शहर में करीब 4.65 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं, जबकि शहर में घरों की संख्या 4.50 लाख है। निगम के सर्वे के अनुसार, जो संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं, उनमें से 60% के पास गाड़ी खड़ी करने के लिए पार्किंग नहीं है। ये लोग घर के सामने सड़कों पर गाड़ियों पार्क करते हैं। नियमानुसार सार्वजनिक रास्तों पर पार्किंग नहीं की जा सकती परंतु पैसा कमाने के लिए टैक्स वसूल कर नगर निगम भोपाल लोगों को सार्वजनिक रास्तों पर पार्किंग की सुविधा देने की तैयारी कर रहा है।
मध्य प्रदेश में विकास से ज्यादा टैक्स
यदि ओपन ऑडिट कराया जाए तो समझ में आएगा कि मध्य प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से ज्यादा टैक्स का विकास हुआ है। पुराने टैक्स ताबड़तोड़ तरीके से बढ़ाए गए हैं। इतना ही नहीं नए टैक्स भी लगाए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के नाम पर सरकार जनता से टैक्स वसूली की तैयारी कर रही है। सेस एक ऐसा टेक्स्ट होता है जो किसी टारगेट को अचीव करने के लिए लिमिटेड टाइम के लिए लगाया जाता है (क्योंकि यह सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स के अलावा वसूला जाता है) परंतु मध्यप्रदेश में 'सेस' परमानेंट टैक्स की तरह वसूला जा रहा है।