भोपाल। निशातपुरा क्षेत्र की नाबालिग को रतलाम में 2 लाख रुपए में बेचने के मामले में पुलिस ने किशोरी के भाई की शिकायत पर खरीदार और ब्यूटी पार्लर संचालिका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अब महिला और एक अन्य दलाल की तलाश है। इधर, पुलिस ने किशोरी के 164 के बयान दर्ज कर उसे बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया, जहां से उसे बालिका गृह भेज दिया। बाल कल्याण समिति ने गौरवी (सखी) वन स्टॉप क्राइसिस की काउंसलर से उसकी काउंसलिग कराई। काउंसलर ने काउंसलिंग के बाद रिपोर्ट समिति को सौंप दी है।
नाबालिग लड़की की आपबीती-
रूबीना खान दीदी ने हमारे यहां दो महीने पहले ब्यूटी पार्लर खोला था। पार्लर जाने के कारण उनसे पहचान हो गई। धीरे-धीरे मेरा उनके यहां आना-जाना शुरू हुआ। हालांकि भाई को वह ठीक नहीं लगती थीं, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया। रूबीना दीदी मुझसे रुपया नहीं लेती थीं, बल्कि उल्टे खर्च के लिए कई बार रुपए देती थी। वह कहती थी कि जब नौकरी लगवा दूंगी तो पूरा रुपया वसूल कर लूंगी। जब मैंने उनसे कहा कि मैं सिर्फ 8वीं पास हूं। इस पर वह कहती कि मैं भी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हूं, लेकिन बहुत पैसा कमा लेती हूं। ऐसे ही तुम भी कमाना। उन्होंने मुझे बहुत सपने दिखाए। इससे लगने लगा था कि मैं अपने परिवार का दुख कम कर सकती हूं।
मेरा भाई खाना बनाने का काम करता है, वो ही पूरे घर का खर्च चला रहा था। मुझे लगने लगा था कि मैं मेहनत करके अपने परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी कर सकती हूं। मैं धीरे-धीरे रूबीना दीदी पर विश्वास करने लगी। 21 दिसंबर को रूबीना ने कहा चलो मॉल घूमकर आते हैं। रास्ते में उन्होंने अर्जुन सिंह नाम के व्यक्ति से मिलाया। कहा कि अर्जुन तुम्हारी नौकरी लगवा देगा। मैं उनकी बातों में आ गई। उसके बाद वे मुझे कार से एक गांव ले गए। वहां एक महिला और दो बच्चे थे।
उनके घर महेश राठौर नाम का व्यक्ति आया, जिससे घर में ही मेरी शादी करा दी। उसने वहीं बंधक बना लिया। महेश ने बताया कि उन्होंने रुपए देकर खरीदा है। तब पता चला कि मेरे साथ धोखा हुआ है। मेरा पति रोज जबरदस्ती करता था। एक दिन पुलिस पहुंची। उन्होंने मुझे और पति को पकड़ लिया और भोपाल ले आए।
अभी किशोरी बालिका गृह में है। उसने काउंसलिंग में अपनी व्यथा बताई। किशोरी के 164 के बयान हो गए हैं। उस पर किसी तरह का दबाव न पड़, इसलिए अभी शेल्टर हाेम में रखा जाएगा।
-कृपा शंकर चौबे, सदस्य बाल कल्याण समिति